बुंदेलखंड के इतिहास से रूबरू होने के लिए इन जगहों की जरूर करें सैर

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बुंदेलखंड के इतिहास से रूबरू होने के लिए इन जगहों की जरूर करें सैर Bundelkhand BundelkhandHistory Travel

भारत के इतिहास को तीन वर्गों में बांटा गया है। इनमें दूसरे भाग को मध्यकालीन भारत कहा जाता है। मध्यकालीन इतिहास को पुनर्जागरण का भी दौर भी कहा जाता है। इटली को पुनर्जागरण का जनक कहा जाता है। इतिहाकारों की मानें तो इटली में सबसे पहले पुनर्जागरण हुआ था। इसके अग्रदूत दांते हैं। मध्यकालीन भारत में भक्ति युग का उदय हुआ है। तत्कालीन समय में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बुंदेल राजवंश का भी उदय हुआ था। बुंदेलों के बारे में कहा जाता है कि वे विंध्यवासिनी देवी के उपासक थे। इनके शासन...

तकरीबन 25 वर्षों तक यहां शासन किया। इसके बाद किले पर मुगलों, मराठों और अंग्रेजों का शासन रहा। मराठा शासनकाल में इस जगह को शंकरगढ़ कहा जाता था। हालांकि, सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में खूब लड़ी मर्दानी झांसी की रानी ने किले से लड़ाई लड़ी थी। बुंदेलखंड की सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होने के लिए झांसी का किला देखने जा सकते हैं।बुंदेलखंड में आकर्षण का केंद्र खजुराहो है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खजुराहो है, जो वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। खजुराहो में कई प्राचीन और मध्यकालीन विश्व प्रसिद्ध सनातन...

 

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