Historical Changes in School Books: विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि किताबों में 1975 के आपातकाल और 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के बारे में भी जरूर बताया जाना चाहिए।बीजेपी सांसद और संसद में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन कमिटी के चेयरमैन विनय सहस्त्रबुद्धे ने भारतीय स्कूलों के किताबों में बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्कूलों में अब आर्यन आक्रमण से जुड़े इतिहासों को हटाया जाए और सरस्वती सभ्यता के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाए। उन्होंने स्कूली किताबों से गैर-ऐतिहासिक सामग्री को हटाने की भी...
उन्होंने कहा कि जब हम गैर-ऐतिहासिक सामग्री के बारे में बात करते हैं तो हमारा मतलब है कि इतिहासकारों का एक ऐसा समूह था, जो आर्यन आक्रमण सिद्धांत में विश्वास करता था, लेकिन इन्हें इतिहासकारों और यहां तक कि बीआर आंबेडकर जैसे बड़े राजनेताओं की ओर से चुनौती दी गई है। इसे खारिज कर दिया गया। विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा, 'हमने पाया कि आर्यन आक्रमण सिद्धांत और कुछ और संबंधित मुद्दे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। हमें इस पर संदर्भों को हटाना होगा। सरस्वती सभ्यता के विषय पर शोध किया गया है, जिसे...
उन्होंने आगे कहा, 'हम यह भी सिफारिश करेंगे कि भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद को पाठ्यपुस्तक लेखन संबंधी मुद्दे के लिए राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद से परामर्श करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है ताकि हम कुछ विशेष प्रकार के इतिहासकारों पर निर्भर न हों क्योंकि एक विशेष समूह का इतिहास लेखन में वर्चस्व है। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा।देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल,...
पहले तो इसी को हटाओ. . .
वर्चस्व वादी अपनी उपस्थिति हर काल में हम थे, दर्ज करते आए! और आज राज उनका तो आप के विचार हो सकते परेशान!! सिंध सभ्यता आर्य संलयन का अंत था! और फिर बंगाल तक पुनः विखंडन! यदि इसे इतिहास में भारत पढा पाया सनातन कौन धुंधला सा तब समझ आ सकेगा नहीं तो भरत के पिता पहचान कौन? हास्य!
Aur Robber and So called Empire ki paribhasa saath saath batai jaye !!!
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना के विरोध में उतरे लोग, 70 अस्पतालों में काम बंदम्यांमार में सेना के खिलाफ लोगों के ऐसे ही विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एक संगठन ने फेसबुक पर इसकी जानकारी दी है. संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सेना ने तख्तापलट करके, अपने स्वयं के हितों को एक कमजोर आबादी के ऊपर थोपा है जो महामारी के दौरान पहले से ही कठिनाइयों का सामना कर रही थी. अच्छा हुआ है जैसी करनी वैसी भरनी
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »