बिहार के चुनाव प्रचार में कूदे पीएम नरेंद्र मोदी की सीएम नीतीश कुमार के साथ एक तस्वीर हो रही है चर्चितरैली में बिहार सीएम की मौजूदगी में पीएम मोदी ने बताया कि क्यों नीतीश को छोड़ना पड़ा था लालू का साथबिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों और गठबंधनों का प्रचार युद्ध शबाब पर पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार को प्रचार अभियान में कूदे और 3 रैलियों को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित हो रही है। यूजर इस तस्वीर को शेयर...
चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी और नीतीश एक साथ एक मंच पर दिखे। पीएम मोदी ने अपने भाषणों में नीतीश की जमकर तारीफ की। उन्हें बिहार में कोरोना के खिलाफ 'कामयाब जंग' का क्रेडिट दिया। यह भी बताया कि नीतीश को क्यों महागठबंधन को छोड़कर फिर से एनडीए के साथ आना पड़ा। इसी दौरान की एक तस्वीर चर्चित हो रही है जिसमें दोनों नेता कुछ बात करते दिखाई दे रहे हैं। नीतीश अपना एक हाथ ऊपर उठाए हैं और उनकी तर्जनी उंगली बाहर निकली हुई है। पीएम मोदी भी हाथ उठाकर बात कर रहे हैं और तस्वीर में उनकी तर्जनी उंगली...
जेडीयू बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक है। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। 2002 में मोदी के मुख्यमंत्री रहते जब गुजरात में दंगे हुए थे तब नीतीश केंद्र में अटल सरकार में मंत्री थे। तब 'सांप्रदायिकता' का हवाला देकर रामविलास पासवान ने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ दिया था और एनडीए से अपने रास्ते अलग कर लिए लेकिन नीतीश मंत्री बने रहे। यहां तक कि गुजरात में मोदी-नीतीश एक साथ कुछ मंचों पर भी दिखाई दिए लेकिन बाद में जब नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री बने तब...
यूपीए-2 सरकार के आखिरी वर्षों में जब कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जनता में गुस्सा था तब सियासी पंडितों का एक तबका नीतीश में देश का भावी प्रधानमंत्री देख रहा था। शायद नीतीश भी खुद को भावी पीएम के तौर पर देख रहे थे। तभी सितंबर 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे भड़के नीतीश ने इसे 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि' करार दिया और 17 वर्षों के लंबे साथ के बाद बीजेपी से अपनी राहें अलग कर लीं। 2015 में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ बने महागठबंधन...
2015 के चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त देकर नीतीश फिर मुख्यमंत्री बने। लेकिन जल्द ही आरजेडी के साथ उनके रिश्तों में कड़वाहट आने लगी। एक तरफ आरजेडी के साथ उनकी खटास बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी के प्रति नरमी। 2016 में पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले का जब विपक्षी दलों ने तीखा विरोध किया तब नीतीश ने पीएम का समर्थन किया। जनवरी 2017 में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर मोदी और नीतीश एक मंच पर दिखे। दोनों ने एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधे। नीतीश ने नोटबंदी तो पीएम ने बिहार में शराबबंदी...
किसका डीएनए ज्यादा खराब है बे
मैंने लाॅकडाउन में धकेले 12करोड़ मैन बिना विरोध बिना कुछ किसी को दिए अपने हिस्से आए चुपचाप खपा दिए!😉👍
people of Bihar .. let us vote out FEKU and Co. from Bihar then let us wait and watch for how many Biharies will get free COVID vaccine … we are not voting out FEKU from center .. don't let him ride on us like 15 lakhs, 20 lakhs crores, 5 trillion US$ …time to show him the way
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