देश भर में हाल में क्वारंटीन सेंटर और प्रवासी मजदूरों की हालत पर खबर करने को लेकर कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं. मुकदमों का यह सिलसिला अब बिहार पहुंच चुका है.
इन्हीं सब शिकायतों को लेकर सेंटर में रहे महिलाओं और अन्य लोगों ने प्रशासन के खिलाफ 11 मई को हंगामा किया और मांग की थी कि अगर व्यवस्था बेहतर नहीं हो सकती, तो उन्हें होम क्वारंटीन कर दिया जाए.इसके बाद 12 मई को ही रीगा प्रखंड के अंचलाधिकारी राम उरांव ने इस सेंटर पर हुए हंगामे के संबंध में रीगा थाने में एक एफआईआर दर्ज करने को लेकर आवेदन किया, जिसमें कहा गया था कि क्वारंटीन सेंटर पर कानून-व्यवस्था भंग की गई.
गुलशन बताते हैं, ‘थाने से एक पुलिसवाले ने फोन किया था कि शुद्धि पत्र हम लेकर आ रहे हैं, लेकिन मैं घर पर उस वक्त मौजूद नहीं था. इसके बाद फिर फोन नहीं आया है.’ वे बताती हैं, ‘न कभी कमरे की सफाई होती है और न शौचालय ही साफ होता है. यहां इतनी दिक्कत है कि कई महिलाओं को हंगामे के बाद होम क्वारंटीन किया गया. इतनी गंदगी है कि यहां लोग रहते-रहते बीमार पड़ जाएंगे.’
मामले के बारे में जब रीगा थाने के एसएचओ सुभाष मुखिया ने कहा, ‘गुलशन पर आरोप है कि उन्होंने क्वारंटीन सेंटर पर जाकर लोगों को उकसाया, जिसके बाद वहां हंगामा हुआ. सीओ साहब ने केस दर्ज कराया है. झूठ-सही की बात वही करेंगे, वे गुलाबी टीशर्ट पहने थे या नहीं पहने थे, वही बयान दे रहे हैं.’ सीतामढ़ी प्रेस क्लब के अध्यक्ष राकेश रंजन इस एफआईआर को लेकर कहते हैं, ‘सरकार के विरोध में खबर छप रही है, पूरे बिहार में क्वारंटीन सेंटर की बदहाल व्यवस्था है, प्रशासन नहीं चाहता कि सच बाहर आए इसलिए सच को छिपाने के लिए इस तरह की एफआईआर दर्ज हुई है.’
वे कहते हैं, ‘मैंने बीडीओ के सरकारी आवास को लेकर एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे तोड़कर और लाखों रुपये खर्च कराकर महल का दर्जा दिया जा रहा था. जब इस नाजायज खर्च पर रिपोर्ट किया, तो मेरे खिलाफ ही गलत आरोप लगाकर केस दर्ज करवा दिया गया था. यह मामला अब तक कोर्ट में चल रहा है.’ उन्होंने आगे बताया कि उनके खिलाफ अभी तक कुल तीन केस हुए हैं, जिनमें से दो केस लॉकडाउन के समय में ही हुए. सभी मामले बखरी थाने में ही दर्ज हैं.
Kuch bike uska hi nateeja h
यही तो रामराज है
Okay let them complain. Judiciary will decide what wrong on the report that had been published on the news paper.
Ab bihar ko lalu ji ki jarurat hai... Rjd lao bihar bachao... laluprasadrjd yadavtejashwi RJDforIndia GayaRjd
कितना आसान है एक सच्चाई के लिए उठी हुई आवाज को दबाना
एक लिब्रान्डु कह रहा था कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में राष्ट्रवादी पत्रकारों को उत्पीड़ित किया जाना चाहिए।इससे पहले शूरवीर MumbaiPolice एक आतंकी से 12घण्टे पूछताछ कर चुकी है।ममता नेशन में भी ऐसा चल रहा है। कैरोना के हॉट स्पॉट की जगह राष्ट्रवादी पत्रकार ज्यादा निशाने पर हैं।
DainikBhaskar don't worry
Yha ek hawaldar bhi apne aap ko malik samajhta hai dushro ki baat hi choro
This is direct attack on free journalism. We support freedom for journalism. . .
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