बाघ दिवस पर विशेष: कार्बेट पार्क में 250 हुई बाघों की संख्या, पढ़िए 48 सालों में कब-कब क्या हुआ

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बाघ दिवस पर विशेष: कार्बेट पार्क में 250 हुई बाघों की संख्या, पढ़िए 48 सालों में कब-कब क्या हुआ TigerDay JimCorbettPark

आज बाघ दिवस के मौके पर जहां इनकी बढ़ती संख्या मन को तसल्ली दे रही है, वहीं लगातार बढ़ते मौत और शिकार के मामले चिंता बढ़ाते हैं। संख्या के लिहाज से देखा जाए तो प्रकृति ने एक मौका दिया है, कार्बेट पार्क और अमानगढ़ वन रेंज में बाघों की संख्या 250 तक पहुंच गई है। बाघों को लेकर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलुओं पर चर्चा करने और संरक्षण को कागजों से धरातल पर उतारने की जरूरत है। बिजनौर से रजनीश त्यागी और कालागढ़ से अथहर महमूद सिद्दीकी की...

बिजनौर के कालागढ़ में कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 250 पर पहुंच गई। 48 साल पहले कार्बेट नेशनल पार्क में बाध परियोजना की शुरुआत की गई थी। बाघों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की गाइडलाइन मील का पत्थर साबित हुई है। 1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बनने के बाद कार्बेट टाइगर रिजर्व में एक अप्रैल 1973 को बाघ परियोजना की शुरुआत की गई थी। सबसे पहले नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में इसको लागू किया गया था। उस समय पूरे देश में मात्र 268 बाघ ही मौजूद थे। वर्तमान में अकेले कार्बेट टाइगर रिजर्व में 250 बाघ मौजूद होने का दावा वन विभाग के अधिकारी करते हैं। बाघों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही बाघ परियोजना को गति राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण से मिले दिशा-निर्देशों से मिली। कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण के लिए हुए...

1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बनने के बाद कार्बेट टाइगर रिजर्व में एक अप्रैल 1973 को बाघ परियोजना की शुरुआत की गई थी। सबसे पहले नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में इसको लागू किया गया था। उस समय पूरे देश में मात्र 268 बाघ ही मौजूद थे। वर्तमान में अकेले कार्बेट टाइगर रिजर्व में 250 बाघ मौजूद होने का दावा वन विभाग के अधिकारी करते हैं। बाघों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही बाघ परियोजना को गति राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण से मिले दिशा-निर्देशों से मिली। कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण के लिए हुए...

 

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