प्राकृतिक गैस पर्यावरण के लिहाज से ठीक है या नहीं | DW | 08.01.2022

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सरकार और जीवाश्म ईंधन कंपनियां लंबे समय से यह बात कह रही हैं कि प्राकृतिक गैस स्वच्छ ऊर्जा वाले भविष्य में जाने का ‘ब्रिज’ है. लेकिन सवाल यह है कि क्या गैस वाकई में स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है?

हम खाना पकाने के लिए लंबे समय से गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही, इसके इस्तेमाल से हम घरों को गर्म भी कर रहे हैं. बिजली के उत्पादन के लिए भी इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है. उदाहरण के लिए, अमेरिका में 2020 में कुल ऊर्जा की खपत में 34 फीसदी हिस्सेदारी प्राकृतिक गैस की थी. यह बिजली उत्पादन का भी प्रमुख स्रोत था.

प्रस्ताव के समर्थकों का कहना है कि गैस कोयले जैसे अन्य विकल्पों की तुलना में काफी ‘स्वच्छ' है. परमाणु ऊर्जा से भी जीरो कार्बन उत्सर्जन होता है. वहीं, आलोचकों का कहना है कि यह प्रस्ताव सिर्फ दिखने में जलवायु के अनुकूल लगता है, लेकिन हकीकत में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है. आलोचकों ने परमाणु ऊर्जा को भी टिकाऊ बताने की बात को ‘गलत' बताया और कहा कि इससे निकलने वाले कचरे लंबे समय तक पर्यावरण को प्रभावित करते हैं.

हालांकि, वास्तविकता यह है कि जीवाश्म ईंधन के तौर पर, प्राकृतिक गैस जलवायु परिवर्तन का कारण बनती है. इसी बात को आधार बनाते हुए, यूरोपीय ग्रीन पार्टी गैस को टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा के रूप में वर्गीकृत करने को लेकर यूरोपीय आयोग को अदालत में घसीट सकती है. सार ये है कि गैस को पहले से ही ‘नया कोयला' बताया जा रहा है.

ऐसी स्थिति में क्या यह कहना सही है कि स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के लिए, गैस का इस्तेमाल ‘ब्रिज' का काम करेगा?यूरोप अभी भी जीवाश्म ईंधन के लिए रूस पर बहुत अधिक निर्भर क्यों है? इसके पीछे की वजह यह है कि प्राकृतिक गैस को गहरे जमीन से निकाला जाता है और इसे लंबी दूरी तक भेजा जाता है. इसके लिए, बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है. इसमें काफी लागत भी आती है और कार्बन का उत्सर्जन भी होता है.

समस्या यह है कि इन आयातित गैसों में फ्रैक्ड गैस शामिल होगी. इसे रॉक एंड शेल से निकालने के लिए जहरीले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान काफी मात्रा में मीथेन गैस भी निकलता है जो संभावित तौर पर कोयले की तुलना में जलवायु के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित होता है. जर्मनी सहित कई अन्य यूरोपीय देशों ने अपने देश में गैस निकालने की इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

 

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