पटना: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें बेटे की रखा. उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया, लेकिन मैं फिर भी उनका सम्मान करता हूं. उन्होंने उनके साथ मतभेद की वजह भी बताई. प्रशांत किशोर ने कहा, 'मुझे पार्टी में शामिल करने और पार्टी से निकालने के फैसले को दिल से स्वीकार करता हूं. उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं और आगे भी नहीं करना चाहता. ये उनका एकाधिकार था.
टिप्पणियांसाथ ही उन्होंने कहा, 'दूसरा जदयू और नीतीश कुमार की गठबंधन में पोजिशन को लेकर है. नीतीश कुमार पहले भी भाजपा के साथ थे और अब भी हैं. लेकिन दोनों में बहुत फर्क है. नीतीश कुमार पहले बिहार की शान थे, बिहार के लोगों के नेता थे. आज वो 16 सांसद लेकर गुजरात का कोई नेता बताता है कि आप ही नेता बने रहिए. बिहार का मुख्यमंत्री यहां के लोगों का नेता है, आन-शान है, कोई मैनेजर नहीं है. कोई दूसरी पार्टी का नेता नहीं बताएगा कि वह हमारे नेता हैं.
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों का मत है कि राजनीति में थोड़ा बहुत समझौता करना पड़ता है. बिहार के विकास के लिए समझौता करना पड़े तो कोई गुरैज नहीं. मूल बात बिहार के विकास की है. आपको देखना पड़ेगा कि क्या इस गठबंधन के साथ रहने से बिहार का विकास हो रहा है. तो आप चाहें तो किसी के सामने झुकने से बिहार का विकास हो तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. बिहार में क्या इतनी तरक्की हो गई, जितना बिहार के लोग चाहते थे. क्या हमें विशेष राज्य का दर्जा मिल गया.
गलती इन महाशय की नहीं है , ये कई कंपनियों के लिए काम कर चुके है तो संगत का असर शायद ये बॉर्डर प्रदेश का है ,पिता तो मानते पर पिता की एक नहीं मानते ...लालसा जाग उठी
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के सामने यह सवाल रख कर कि नाथूराम गोडसे और गांधी एक साथ कभी नहीं चल सकते।मानो उनके बहाने पूरे देश के सामने ही एक गाइड लाइन खींच दी है कि उसे अब यह तय कर ही लेना चाहिए कि गांधी के रास्ते पर चलना है या गोडसे के रास्ते पर आगे बढ़ना है!
जो टिंडे खुद प्रशांत किशोर ने बेचे अब कह रहे हैं वो 'सड़े' हुए हैं.
नितीश की राजनितीक शुरुवाती ही कालीटोपी के साथ जाने से हुई तब PK को गांधी टोपी का खयाल नहीं आया आज अचानक मोदी के खिलाफ बयार देखते ही किनारा करने की वजह कन्हैया कुमार की बिहार मे बढती लोकप्रियता देख धर्मनिरपेक्षता वोटो का बिखराव बढाने की कोशिश PrashantKishor कर रहे है..।
नितीश जी गाँधीवादी से गोडसेवादी हो गये इनका विसर्जन तय है
Der aye durust aye Kuch kijye berojgari Ka Yuva h badal Sakta h election aur Bihar Ka result
Bihar m AAP k sath lade election to kam bane
केजरीवाल से टिप्स ले कर आए है नीतीश ओ 0 है जिसके साथ रहे ओ हीरो नहीं तो,0 Pk का आज से पतन की शुरुवात होना शुरू हो गया आब जिसका भी काम लेगा ओ चुनाव हारे गा मेरे इस लाइन को आप लोग रख को
sab ek ho Patna m students mar Raha h salo Saal room rent Bhar Raha h Naukri koi Nahi dega Apna apna career banane m laga hai Ab tak Nitish Babu k sath the tab Nahi dikha kya haal tha Bihar Ka AJ dekhne laga
और ये बाप की तरह रहना चाहते थे बस !
हिंदु ने भी यहा के मुस्लिम को भाई की तरह रखा, पर जब पाकिस्तान के अत्याचारीत, पिडीत,गरीब गैर मुसलमानों की बात आयी तो उन्होने caa ,nrc का विरोध करके आखिर वहा अत्याचार करने वाले मज़हबी भाइयों का ही साथ दे रहे है ना!!
Kyo sympathy batorne chahte ho.
प्रशांत किशोर कहते है गांधी और गोडसे एकसाथ नही रहसकते हम कहते है गांधी गोडसे और जिन्ना एकसाथ नही रहसकते जब जब गांधी जिन्ना का साथ देंगे गोडसे आते रहेंगे!!!
तू दूसरा जयचंद है
ये आदमी डेढ़ होशियार है, राजनीती में इसकी कोई औकात नहीं, एक नंबर का बेवकूफ़ आदमी है
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