प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायधीश और चार अन्य मुख्य न्यायधीशों को लेकर ट्वीट किए थे. इसी मामले में यह फ़ैसला आया है. कोर्ट 20 अगस्त को इस मामले सज़ा पर सुनवाई करेगा.
"भारत के चीफ़ जस्टिस ऐसे वक़्त में राज भवन, नागपुर में एक बीजेपी नेता की 50 लाख की मोटरसाइकिल पर बिना मास्क या हेलमेट पहने सवारी करते हैं जब वे सुप्रीम कोर्ट को लॉकडाउन में रखकर नागरिकों को इंसाफ़ पाने के उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर रहे हैं." "आने वाले कल में जब इतिहासकार पीछे मुड़कर बीते छह सालों के दौर को देखेंगे कि भारत में बिना औपचारिक रूप से इमर्जेंसी लगाए लोकतंत्र को किस तरह से तबाह कर दिया गया तो वे ख़ास तौर पर इस बर्बादी में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका का जिक्र करेंगे और उनमें से भी विशेष रूप से भारत के अंतिम चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर बात होगी."
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसी मामले में प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी क़रार दिया. कंटेम्ट ऑफ़ कोर्ट्स ऐक्ट, 1971 के तहत प्रशांत भूषण को छह महीने तक की जेल की सज़ा जुर्माने के साथ या इसके बगैर भी हो सकती है.(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप
बिक्की हुई अदालत और CJI से दूसरी कोई उम्मीद नही थी। परिणाम मालुम होते हुये भी लोग सम्विधान का पालन कर रहे थे। मुझे उम्मीद है प्रशान्त भूषण माफी नही मानेंगे भले जेल जाना पड़े।
Phir se koi Nathuram godse paida hoga but iss baar wo liberal hoga ../
Matlab kuch bhi karenge yeh log ab ./ bahut ho gaya kuch karna hoga
सत्य बोल दो तो दोषी हद हो गया मजाक की!!
Now this the height of corruption now all former supreme court judges who held press conference and told the same what Prashant bhushanji said if this type of corruption is not controlled very soon no law and order will be in India
Deserve. There are so many others in SC who also required to be repaired in a stringent legal way.
अघोषितआपातकाल UndeclaredEmergency बड़ी बात ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी ने जो आपातकाल घोषित किया था उस समय कम से कम न्यायपालिका सरकार के खिलाफ थी ना कि उसकी गुलाम।आज लोकतंत्र के चारों स्तम्भ बिक चुके है।ये देश का दुर्भाग्य है। pbhushan1 जी देशकी जनता आपके साथ है
माननीय सुप्रीम कोर्ट का अत्याधिक दुखदाई बोलने की स्वतंत्रता का गला घोटने की साजिश का एक हिस्सा चाहिए तो यह कि जो आरोप प्रशांत भूषण जी ने लगाए हैं उनकी जांच होती झूठे आरोप होने पर प्रशांत भूषण जी को फांसी पर लटका दिया जाता दो सुप्रीम कोर्ट से ही होती जय हिंद सुभाष कैटी लुधियाना
Supreme Court under Misra, Gogoi and Bobde has actually gone to dogs. Worst day in the history of SC
pbhushan1 ab ap jail jana... Mafi mat mangana..hum aap ke sath hai😝
तो बन्दर के हाथों में उस्तरा पकड़ा ही दिया गया है, साबित कर दिया।
बिका हुआ न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा कौन जताएगा! लो सुप्रीम कोठा भी बिक गया! अब भला कैस कोन दर्ज करायेगा।
Chor ko chor mt bolo
पिछले सात सालों में जितना न्यायालय ने अपनी गरिमा गिराई है पहले कभी नहीं
बहुत ही गलत फैसला
kalpeshravals यह सरासर गलत फैसला है और यह न्याय की मौत जेसे है ।
भ्रष्ट_जज भ्रष्ट_अदालत
मदरसा शिक्षक भी तिल तिल कर मर रहे हैl बहुत से साथी मानदेय के अभाव मे दुनिया छोड गये है भारत सरकार और यूपी सरकार से 4 वर्ष से बकाया मान देय की मांग कर रहे है हम छोटे गरीब मजबूर मदरसा शिक्षक है हम लोगों कि खबर दिखायी जाए release4yearsalary release4yearsalary release4yearsalary
Shocking...
बस इतना ही कहेंगे हम. बहोत चिंतनीय स्थिति में फंसे हुए हैं,
Happy independent day. We are enslave again Need an other Gandhi to free India from New East India Company
अच्छा हुआ
सुप्रीम कोर्ट के सम्मान मे काश SC सबको एक समान देखती
'सुप्रीम कोर्ट' के ज्यादा तर जज 'मोदी सरकार' और 'संघ' की कठपुतली है और बेईमान हैं। इनसे 'न्याय' की उम्मीद करना बेमानी है।
Maafi maag lega ye aur shayad court maaf bhi kar de...
Obviously when case is prejudiced from the begining.Even British privy council was much better so for impartiality is concered?
सच उन्हींको कड़वा लगता हैं सच से जिनको सख्त परहेज़ होता हैं
ये तो होना ही था
Now, citizens are not allowed to criticize.. elese they have to pay hefty price. It is no more a democracy.
Now it's time to post Ch****yo ka Shayari.
फाँसी की सजा होनी चाहिए इस को, गद्दार है ये देश द्रोही है ये आतंकवादियों की पैरवी करता है ये रात को 3 बजे कोर्ट खुलवा के आतंकियों की पैरवी करने वाले को फांसी की सजा होनी चाहिए
प्रशांत भूषण खुद को कोर्ट और संबिधान से ऊपर समझते थे मगर भारत में कानून का राज है और कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है।
This much sensitivity of SC is a rare happening. SC must be open minded , kind , considerate and liberal institute. The various acts of SC ,especially ,recent ,causes stir in mind as to its orientation seemingly away from democratic ,leisez faire ,libertarian ,path breaking one.
जिस सुप्रीम कोर्ट का CJ अपने खिलाफ ही यौन शोषण के केस का फैसला आप ही करता हो भला वो कैसे अपने ऊपर आए भष्टाचार के केस का आरोप लगाने वाले को छौड देगी?
Shame on supreme court 😟😟😟
Shame shame
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