भारत में भी अब पेगासस जासूसी मामले की जांच हो रही है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन इसके अध्यक्ष होंगे। इससे पहले मैक्सिको, फ्रांस और इजराइल में पेगासस और दूसरे जासूसी सॉफ्टवेयर से जु़ड़ी जांच चल रही हैं, लेकिन वहां अब तक इन जांचों का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। आइए एक-एक करके जानते हैं कि पेगासस को लेकर अब तक किन देशों में जांच कहां तक पहुंची है और वहां कोई कार्रवाई हुई है या नहीं...
जासूसी सॉफ्टवेयर की जांच बेहद जटिल है। इसमें जांचकर्ताओं को ये साबित करना होगा कि सरकार की एजेंसी ने सॉफ्टवेयर खरीदा और उसका आम नागरिकों के खिलाफ गैर जरूरी इस्तेमाल किया। इसमें कई चुनौतियां हैं। हालांकि मेक्सिको के अभियोजकों को उम्मीद है कि वो जल्द ही मामले को अदालत तक ले जा सकेंगे।फ्रांस में इमेनुएल मैक्रों सरकार के 5 मंत्रियों के अलावा कई पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी पेगासस सॉफ्टवेयर के निशाने पर थे। फ्रांस में इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म करने वाली संस्था मीडियापार के फाउंडर एडवी प्लेनेल...
इजराइल की अदालतों ने ये दोनों ही याचिकाएं रद्द कर दीं। मैक कहते हैं कि इस तरह की जांच में कई साल लग जाते हैं। अभी तक मुझे इस बारे में अटॉर्नी जनरल से कोई जवाब नहीं मिला है। दक्षिण सूडान में गृहयुद्ध में हुए नरसंहार में इजराइली तकनीक के इस्तेमाल की आपराधिक जांच के लिए मैंने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये प्रक्रिया 6 सालों से चल रही है और अभी तक इस दिशा में कुछ ठोस परिणाम नहीं निकला है।
यारोन कहते हैं,"मेरे सहकर्मी अमितेय जीव ने हाल ही में एक लेख में दावा किया है कि ये कंपनियां बहुत पहले से इजराइल की कूटनीति का हिस्सा रही हैं। इजराइल में सुरक्षा और खुफिया उद्योग से जुड़ी कितनी कंपनियां हैं इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं है। इन कंपनियों की संख्या सैकड़ों में है। जबकि रक्षा मंत्रालय के एक्सपोर्ट लाइसेंस से जुड़े विभाग में 10 से भी कम लोग काम करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रक्षा विभाग इन कंपनियों के सभी सौदों की निगरानी कर सकता...
योडेड यारोन कहते हैं,"इजराइल की तकनीक का भारत में सुरक्षा व्यवस्था में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बहुत संभव है कि इसमें से कुछ तकनीक का देश के भीतर भी इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में NSO पर लगे आरोप हैरान नहीं करते हैं। अब उम्मीद है कि इन आरोपों की जांच से कुछ ठोस निकल पाएगा।"
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