सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता मानते हैं कि क़ानूनी लिहाज से ये फ़ैसला अहम है लेकिन कई मायनों में निराशाजनक भी.
सरकार इस मामले में सुरक्षा कारणों का हवाले देकर भी जानकारियां देने से कतरा रही हैं. लेकिन जयसवाल के मुताबिक़ कोर्ट का रुख़ साफ़ है कि सुरक्षा कारणों की बात कह सरकार जवाबदेही से बच नहीं सकती है.रिपोर्ट जमा करने की कोई समय सीमा नहीं "इसी तरीक़े से कृषि क़ानून के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई. आंध्र प्रदेश में बलात्कार के अभियुक्तों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट की जाँच समिति का कार्यकाल कई बार बढ़ाया जा चुका है. इस पृष्ठभूमि में पेगासस जाँच समिति से सार्थक निष्कर्ष की उम्मीद कैसे की जाए?"
"सुप्रीम कोर्ट ने एक तय समय के बाद कमिटी से अंतरिम रिपोर्ट देने के लिए कहा है. उसके बाद उस हिसाब से कमिटी को समय दिया जाएगा. कोर्ट की कोशिश होगी की मामले की जाँच सही तरीक़े से हो और बिना किसी वजह से देरी न हो.""इस मामले में बड़े नेता, अफसर, मंत्री, जज, वकील और पत्रकारों के मोबाइल फ़ोन हैक करके के जासूसी के गंभीर आरोप हैं. यदि यह काम विदेशी शक्तियों द्वारा किया जा रहा है तो इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को बड़ा ख़तरा है.
सरकार फ़ोन की जासूसी के आरोपों को ख़ारिज कर रही है और इसे फ़ेक न्यूज़ बता रही है. इस मामले पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रिपोर्ट के जारी होने के समय को लेकर सवाल खड़े किए थे.सदन में बयान देते हुए उन्होंने कहा था, "एक वेब पोर्टल पर बेहद सनसनीखेज़ स्टोरी चली. इस स्टोरी में बड़े-बड़े आरोप लगाए गए. मॉनसून सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्टों का आना संयोग नहीं हो सकता है. ये भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की साज़िश है.
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक बयान जारी करके आरोपों को 'साज़िश' बताया था और कहा था, "विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पाएंगी"कांग्रेस ने बुधवार को पेगासस पर एक्सपर्ट कमिटी गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इसने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बचने और ध्यान भटकाने की सरकार की तथाकथित कोशिशों को नकार दिया है.
पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी मखौल उड़ाते हुए कहा कि वो बीजेपी को निशाना बनाने के लिए एक ही तरह की शब्दावली का इस्तेमाल करते है और बातों को दोहराते हैं.
पर आप भी शर्माजी विज़न कहाँ समझते! समझते तो आम जान हजम भागवतसा कर लेते पर पुराने चावल संघ तक के जानते! मोदी जो पेगासस चीन जो सरहद पर ला रहा! भाजप खुद - हटानि, मोदी को!
Commetee members in jaw of Save them
एक बात तो एकदम स्पष्ट हैं जासूसी हुई और प्रधानमंत्री के जानकारी में हुई.. 'मुल्क़ के सुरक्षा को खतरा' वाली बचकाना तर्क सुप्रीम कोर्ट मानने इंकार कर रही हैं.. लेकिन सवाल हैं जो कमीटी बनायी गयी हैं वो प्रधानमंत्री पर सवाल उठाने का हौसला कर पायेंगे..? वर्तमान परिस्थितियों में तो नही
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »