दूसरा शेषन। ऐसा जलवा था उनका चुनाव आयुक्त के तौर पर। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि आई ईट पॉलिटीशियंस फॉर ब्रेकफास्ट यानी मैं नाश्ते में राजनीतिज्ञों को खाता हूं।
जिलाधिकारी के रूप में भी टीएन शेषन को निर्भीकता और स्पष्टवादिता के लिए जाना जाता था। कश्मीर के प्रधानमंत्री रह चुके शेख अब्दुल्लाह को कश्मीर षड्यंत्र मामले में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1958 में पकड़ा। उन्हें कुछ समय जेल में और फिर नजरबंद रखा गया। तमिलनाडु में डिंडिगुल जिले की कोडई झील के निकट एक होटल में नजरबंद रखने के दौरान शेख की जिम्मेदारी मदुरै के जिलाधिकारी टीएन शेषन को दी गई।
इस पर शेषन ने शेख से कहा, ‘सर, यह मेरा कर्तव्य है कि आपकी हर जरूरत का ख्याल रखूं। मैं यह देखूंगा कि कोई गलती से आपके सामने पानी का एक गिलास लेकर भी न आ जाए।’टीएन शेषन ने आयोग के तत्कालीन सदस्य कृष्णमूर्ति को पद संभालने के बाद बैठने की जगह नहीं दी। उन्होंने राष्ट्रपति से शिकायत की कि उन्हें बैठने की जगह नहीं दी जा रही है। शेषन के जीवनीकार गोविंदन कुट्टी के मुताबिक, कृष्णमूर्ति ने शेषन की साथ वाली कुर्सी पर यह कहते हुए बैठने से इनकार कर दिया था कि वह कुर्सी चपरासियों के बैठने वाली...
दूसरा शेषन। ऐसा जलवा था उनका चुनाव आयुक्त के तौर पर। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि आई ईट पॉलिटीशियंस फॉर ब्रेकफास्ट यानी मैं नाश्ते में राजनीतिज्ञों को खाता हूं।लेकिन शेषन का मानवीय पक्ष भी था। वो कर्नाटक संगीत के शौकीन थे। उनको इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जमा करने का शौक था। शेषन की जीवनी लिखने वाले गोविंदन कुट्टी बताते हैं कि वे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स इस्तेमाल करने के लिए नहीं बल्कि सिर्फ देखने के लिए खरीदते थे। उनके पास चार टेलिविजन सेट्स थे और उनकी हर दूसरी मेज या अलमारी पर एक स्टीरियो रिकॉर्डर...
शेख ने बनावटी मुस्कान के साथ पूछा, ‘क्या आप अब इस पत्र को भी खोलेंगे?’ शेषन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्हाेंने कहा, ‘पत्र पर लिखे पते का मेरे लिए कोई मतलब नहीं है, मैं इसे आपके सामने ही खोलूंगा।’ शेख इससे बेहद खफा हो गए और घोषणा कर दी कि वे अपने साथ किए जा रहे खराब व्यवहार के खिलाफ आमरण अनशन करेंगे।
ECISVEEP गवर्नमेंट जॉब में अधिकारी स्तर के हजारों बुजुर्ग देखे जो पोस्ट का अनैतिक लाभ लेते हुए, अधीनस्थ और गरीब जनता से रिश्वत लेते संकोच नहीं करते, वजह है इनकी औलादें जो शारीरिक और मानसिक रूप से अपंग होती हैं, शादी कर देते हैं और फिर नाती पोतों के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी आ पड़ती है ।
ECISVEEP सचमुच सच्चाई है बहुत ही बहादुर और कर्त्तव्यनिष्ठ रहे सत्य की राह चलने वाले किसी की परवाह नहीं करते।अपने अधिकार का ऐहशाश सबको करादिऐ।नमनीय है
ECISVEEP Omshanti
ECISVEEP लगता है इनका नेट खत्म हो गया था 🤣😂
ECISVEEP लगता है इनके घर आ अभी तक लाइट नहीं थी 😂😂😂🤣🤣
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