कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता अलग तरीक़े से वोट करता है और विधानसभा चुनाव के दौरान अलग तरीक़े से.
लेकिन इस विचार और मुद्दे का समर्थन करने वाले ओडिशा का उदाहरण देते हैं. समर्थकों का कहना हैं कि ओडिशा में 2004 के बाद से चारों विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ हुए और उसमें नतीजे भी अलग-अलग रहे. समर्थन करने वालों का तर्क ये भी है कि ओडिशा में आचार संहिता भी बहुत कम देर के लिए लागू होता है, जिसकी वजह से सरकार के कामकाज़ में दूसरे राज्यों के मुक़ाबले कम व्यवधान आता है.आज़ादी के बाद देश में पहली बार 1951-52 में चुनाव हुए थे. तब लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए थे.साल 1999 में विधि आयोग ने पहली बार अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों.मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक देश एक चुनाव की सोच का समर्थन करते हैं.
मोदी सरकार पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के साथ हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा के चुनाव भी कराना चाहती थी लेकिन कहा जाता है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ही अपनी सहमति नहीं जताई थी.
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