पानीपत युद्ध टाल सकते थे सदाशिव राव?

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पानीपत युद्ध को इन शब्दों में वर्णित किया जाता है, 'दो मोती खो गए, लाखों चूड़ियां टूट गईं, 27 मोहरीं गुम हो गईं और अनगिनत सिक्के बर्बाद हो गए.'

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Image captionसदाशिवराव भाउ की पहचान इतिहास में एक ऐसे शख़्स के तौर पर है जिन्होंने आधुनिक युद्ध की शुरुआत की.

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पहले BBCनहीं था समझने के लिए।

Itihash kahta hi Bhau yudha tal shakte thhe talna bhi chaha mager Nazeeb Khan Janta thh ager Afghano k lautne k bad Marathe Datta Ji ka intkam jarure lenge ek taraf Holker se ashirvad leta or Abdali Ko yudh k Lia uska ta Marathe rasad n hone per Bhau per yudh ka dabao dete rahe.

अब बीबीसी भी भारतीय मीडिया की तरह फुर्सत में है क्या? राम चाहते तो लंका युद्ध टाल सकते थे। बस उन्हें सीता जी को लंका ही छोड़ना पड़ता। पांडव अगर अपना बदला लेने की नहीं ठानते महाभारत युद्ध रोका जा सकता था। हम भी बीबीसी नहीं सुनते तो समय बचाया जा सकता था।

आप पाकिस्तान और भारत में लड़ाई रोका करो

टालना तो अतिशयोक्ति होगा हाँ ये जरूर हैं कि अगर सदाशिव राव भाऊ और सेनापति विश्वास राव में मनमुटाव ना होता तो पानीपत मराठा जरुर जीत जाते.

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