पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की जीत और भाजपा के 100 सीट पर सिमटने के प्रति प्रशांत किशोर का आत्मविश्वास क्या आठ चरण लंबे मतदान कार्यक्रम से प्रेरित है?
सुगबुगाहट यह भी है कि इस चूक की भरपाई तथा ममता ‘पिशी’ की काट के लिए भाजपा आखिरी मौके पर किसी लोकप्रिय बंगाली को चुनाव प्रचार में उतारने अथवा अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने का दाव चल सकती है. भाजपा/जनसंघ के सबसे बड़े नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में खरीद-फरोख्त पर 1996 में कहा था, ‘मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा.’
इससे जनसभाओं में उनके वक्ता भी बढ़ गए जबकि भाजपा के पास तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर प्रदेश के सदर दिलीप घोष तथा टीएमसी त्यागने वालों नेताओं सहित केंद्रीय तथा राज्यों के मंत्री आदि सैकड़ों वक्ता हैं. चुनावी जीत की दृष्टि से इस अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य की पुष्टि चुनाव आयोग द्वारा महीने भर लंबा मतदान कार्यक्रम बनाने से भी हो रही है.
भाजपा ने मतदान कार्यक्रम को जहां बांग्लाभाषी कार्यकर्ताओं की कमी पाटने के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल तक खींचा है, वहीं अप्रत्यक्ष रूप में ममता बनर्जी को भी राहत दे दी. उधर, भाजपा भी लंबे मतदान कार्यक्रम का फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी एवं योगी आदित्यनाथ जैसे अपने प्रमुख वक्ताओं का भाषण बंगाल की अधिक से अधिक जनसभाओं में करवाकर ध्रुवीकरण का अपना दांव भरपूर आजमा सकेगी.
ममता अपने एक दशक के काम पर अरविंद केजरीवाल की तरह वोट मांगने के साथ ही सेकुलरिज्म बनाम कम्युनलिज्म के मुद्दे पर भी समर्थन जुटा सकती हैं. साथ में ‘जॉय बांग्ला’, ‘बंगाल की बेटी चाहिए’ एवं बाहरी बनाम माटीपुत्री जैसे अस्मितापरक नारे तो तृणमूल कांग्रेस उछाल ही चुकी है. अमरिंदर का अपना व्यक्तित्व भी हालांकि इतना अहम था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की हवा के बावजूद उन्होंने भाजपा के प्रमुख चेहरे अरुण जेटली को अमृतसर लोकसभा सीट पर हरा दिया था.
जितना लंबा कार्यक्रम उत्ना जादा धांडली की आशंका!
अगर राज्य में लंबा चुनावी कार्यक्रम भाजपा को भारी पड़ेगा, तो फिर ममता और अन्य सेकुलर दलाल क्यों छाती पीट रहे हैं? भाजपा ने तो कभी विरोध नहीं किया ।
পশ্চিমবঙ্গে বিজেপি গোহারা হারছে..... RejectBJPJungleRaj
BJP Ka harr daaw Ulta padega, Janta samjh Chuka hai Dharmo ka dhndhebajo ko Or Farjee Rastrvadiyo Ko 👊
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