आर्मीनिया-अज़रबैजान के बीच छिड़ी लड़ाई, तुर्की-रूस-ईरान भी सक्रिय, दशकों पुराना है नागोर्नो-काराबाख का विवादक्यों यूरोप में स्वस्तिक का चिह्न धारण करना सभ्यता के ख़िलाफ़ माना जाता है, यह समझने के लिए क्या हर किसी को आश्वित्ज़ की यात्रा करनी ही चाहिए?वह एक नौजवान था, कोई इक्कीस साल का. उसका नाम भगत सिंह था. वह न तो कांग्रेसी था और न कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य. उनकी क्रांतिकारिता में किसी को शक नहीं.
वे इस लेख में दो नए उभरते नेताओं ‘बंगाल के पूजनीय श्री सुभाष चंद्र बोस और माननीय पंडित श्री जवाहरलाल नेहरू’ के विचारों की पड़ताल करते हैं.भगत सिंह के अनुसार सुभाष ‘भारत की प्राचीन संस्कृति के उपासक’ और नेहरू ‘पश्चिम के शिष्य’ माने जाते हैं. पहला ‘कोमल हृदयवाला भावुक’ और दूसरा ‘पक्का युगांतरकारी’ माना जाता है. लेकिन खुद भगत सिंह सुभाष और नेहरू के बारे में क्या राय रखते हैं?
भगत सिंह का मानना था, "एक के विचार में हमारी पुरानी चीज़ें बहुत अच्छी हैं और दूसरे के विचार में उनके विरुद्ध विद्रोह कर दिया जाना चाहिए. एक ‘भावुक’ कहा जाएगा और दूसरा ‘युगांतरकारी और विद्रोही."
वीर शपूत को शत् शत् नमन्।
बहरों को सुनाने के लिए एक बार फिर संसद में बम धमाके होंगे। ( भगत सिंह इंकलाब जिंदाबाद! ) सारा हिंदुस्तान आज गुलाम बन रहा है।-सभी किसान बेरोजगार युवा गरीब सब मारे जा रहे हैं। समाचारों में चर्चा हीरोइन के हो रहे हैं।
Jai hind
भगतसिंह एक सच्चे कानर्तिकारी थे, उन्होंने बिना किसी लोभ के अपनी आहुति दे दी। उस समय के प्रभावशाली नेता अपनी कीर्ति कम होने के भय से चुप रहे।
AAPKO SALAM AAP HAMARI PRERNA H
गांधी वही बनता है जिसकी भगत सिंह बनने की औकात नहीं होती
भगतसिंह, चंद्र शेखर आजाद किसान मजदूर परिवारों से थे जो निस्वार्थ आजादी के आंदोलन में कूद पड़े लेकिन आजादी के आंदोलन की राजनीति में शरीफ लोगो का किया काम तभी तो फाँसी के वावजूद भी 2 गज जगह दिल्ली में नही मिली और न भारत रत्न
इस्लाम के दृष्टिकोण से भगत सिंह काफिर थे चुनाचे सजा ए मौत के हकदार दे क्यूंकि भगत सिंह अल्लाह या ईश्वर को नहीं मानते थे
मेरे भाग्य को किसी उन्माद का सहारा नहीं चाहिए, मैं यथार्थवादी हूं. -भगत सिंह
वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रपब्लिकन एसोसिएशन के मेंबर थे और मार्क्सिस्ट थे। वो कम्युनिस्ट पार्टी का हिस्सा नहीं थे, लेकिन लेनिन, मार्क्स से प्रेरित थे
Jay hind
তিনি ও তার বৈপ্লবিক তত্ত্ব অমর ও সমস্ত যুগের উর্দ্ধে।
23 বছর বয়সে ফাঁসি দেওয়া এই ভগত সিংয়ের আজ 113 তম জন্মবার্ষিকী। তিনি ছিলেন বিশ্বের শোষিতদের অন্যতম বৈপ্লবিক নেতা।
Salam
भगत सिंह जी आप को हमेशा याद किया जाऐगा
वे राष्ट्रवादी थी राष्ट्रवाद किसी पार्टी की बपौती नहीं है
वीर भगत सिंह हमारे हीरो थे हीरो है और रहेगा आज हम जो आजाद हैं वीर भगत सिंह जी की वजह से ❤❤❤❤
👍👍👍👍👍
salam h inko
ब्रह्मसेना की ओर साहस, शौर्य और बलिदान के प्रतीक अमर शहीद सरदार भगत सिंह जी को शत शत नमन💐💐💐💐💐💐💐💐 भगत_सिंह भगत_सिंह_अमर_रहे BhagatsinghJayanti
इन्कलाब जिंदाबाद
Writer apana perseption glorify kr rha hai yaha... Dushman ka dushman dost hota hai... Subhash babu ko sirf Aajadi chahiyi thi... But neharu ko (Aazadi + Congress adhyaksh padh)....
नेहरू गांधी का चमचा था और गांधी ने भगत सिंह को मरने दिया।
DESH PAR MAR MITNEY WAALEY FAKIR KO .... BESHARM DESH LOOTER .... NAMAN KAR RAHEY HAIN BESHARAMI KE SAATH THE SOULS OF PATRIOTS MUST BE CURSING THEM FROM HEAVENS
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है। ~ भगत सिंह जन्मदिवस
जन्मदिन की हार्दिक बधाई ❤️🙏❤️!
💐 श्रद्धांजलि
सुना है कि RSS का नाम लेने भर से ही बिदक जाते थे भगत सिंह अब पता नहीं सही सुना है या गलत राम ही जाने
Jai hind..
इतनी कम उम्र में इतनी तेज चिकित्सक बुद्धि के धनी थे महान भगत सींग। काश वे जल्दी न जाते (हमारी भलाई की खातीर). वे एक महान चिंतक थे और बेहद स्पष्ट विचार वाले थे। नमन
एक देशभक्त क्रांतिकारी के साथ- साथ भगत सिंह एक अच्छे लेखक , तर्कवादी इंसान और धरम पर बेबाक टिप्पणी करने वाले नास्तिक थे। इतनी छोटी उम्र ये सब खूबियां उन्हें महान बनाती है। भगत सिंह के विचार , लेखन को सरकार, स्कूली पाठयक्रम में शामिल करे,बिना कांट छांट के तो एक अच्छा कदम होगा।
He was Atheist and Inspired by Left ideology.
ब्रिटिश शासक नीच प्रवृति वाले इंसानों की लुटेरी कौम थी।
MODI,YOGI A SUB KYA DESH BHAKT REHGA,DESH BHAKT BHAGAT SINGH.BHAGAT SINGH K NAAM SE HUM LOG KA SEENA 56 INCH KA HOTA HAI.
पहले. दो शक्शियतो ने भारत आजाद करने मे अपना योगदान दिया और तीसरे ने भारत बरबाद करने में ...
Jai hind
Sab ne apni jaan di ek rss hi thi jinhone angerzo ki gulami ki thi
Didn’t like
भगत सिंह लेहरू को टुच्चा समझते थे 🤣
शहीद भगत सिंह किसी के बारे में चाहे जो सोच रखते थे लेकिन निस्संदेह ओ भारत मां के सच्चे सपूत एवं सच्चे देशभक्त थे और उनका नाम देशभक्तों में सबसे ऊपर लिखा रहेगा जय हिंद
Bhagat singh lean towards Marxism in his last days. So technically he became Leftist and Atheist
नमन है ऐसे वीर सिपाहियो का जिन्होने आजादी के लिए कुर्वानी दी है। प्रार्थना है ऐसे बीर सिपाहियो को ईतिहास मे उचित स्थान दिया जाए, और बताया जाए आजादी विना खड्ग विना ढाल नही बल्कि ऐसे लाखो वीर सपूतो की कुर्वानी से आई है।
समर्पण मातृभूमि के लिए वो सदा सीखा गए जीते जी वो कभी अपने ईमान से ना डिगे आज के हालात के है वो गवाही ऐसे मातृ पुत्र को सदा नमन जिन्होंने खुद की कुर्बानी देके देश की स्वतंत्रता की नींव रखी
भारत के पीएम ने एक बार स्कूल नही जा रहे बच्चो के अभिभावको के बारे मे नही बोला जो आठ का फीस कहाॅ से भरे जबकि बच्चा स्कूल गया नही
वीर भगत सिंह हमारे हीरो थे हीरो है और रहेगा आज हम जो आजाद हैं वीर भगत सिंह जी की वजह से ❤❤❤❤🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Bhagat singh ji Nehru ko ghandi ji ka chamcha bolte the 🤓🤓
आज भगत सिंह पीएम मोदी जैसे पूजीपतिया का कठपुतली पीएम देख सर पीट रहे होंगे
👃⚘
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