रेपिस्ट्स किसी एक मजहब या जाति से नहीं आते, वे हर तरह के सामाजिक और वित्तीय पृष्ठभूमि वाले होते हैं.पिछले साल नवंबर में देश के दक्षिणी हिस्से हैदराबाद में एक 27 साल की वेटनरी डॉक्टर के साथ गैंग-रेप कर उसे मार दिया गया. बाद में उसके जिस्म को आग के हवाले कर दिया गया.
इस महिला ने आरोप लगाया कि इस घटना से महीनों पहले से उसकी शिकायतों की पुलिस उपेक्षा कर रही थी. महिला ने यहां तक आरोप लगाया कि पुलिस उसके कथित बलात्कारियों के साथ मिली हुई है और पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया और कस्टडी में ही उनकी मौत हो गई.उन्नाव रेप केस के मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इसी महीने 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई. ये मामला उन्नाव रेप केस की पीड़ित के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत का था.
कुछ लोगों का कहना है कि सख्त और जल्द दी जाने वाली सजा से आम लोगों के दिमाग में डर बैठेगा और रेप की घटनाएं रुकेंगी. लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समस्या का स्थायी इलाज उस पितृसत्तात्मक सोच को खत्म करना है जिसमें महिलाओं को पुरुष की संपत्ति माना जाता है.
कोई मांयने नही। फ़ांसी से कुछ नही होगा। फ़ांसी समाधान नही । फ़ांसी पर रोक लगे
Raat m boy friend K Saath Raas Lila manaow..
If hanging is given to create fear in culprit then it should be telecast live on TV to create more fear
हिंदुस्तान का कानून सिर्फ गरीबो के लिए है जब तक कुलदीप सेंगर और चिन्मयानन्द जैसे लोगो को फांसी नहीं होती तब तक कोई मायने नहीं रखती
इसके मायने यह है कि विगत पाँच साल में पचहत्तर प्रतिशत रेप एक ही कौम के द्वारा किया गया है।इसलिए निर्भया के दोषियों को माफ करने और न्याय में विलंब करने का बामियों द्वारा नौटंकी किया जा रहा था।
मायने कुछ भी होगे पर हम निर्भया के समान मामलो मे यही सजा के पक्षधर है ।इसमे भदभाव नही होना चाहिए ।सभी केसो मे समान सजा हो तब न्याय कहलाएगा
Fasi de kr glt kiya
Good Moment
...डराकर अपराध पर काबू करना ...किन्तु जागरूकता के द्वारा ही अपराध को कम किया जा सकता है ...गंभीर अपराध के मायने एवं उससे सम्बंधित होने वाली सजा को जूनियर स्तर से पाठ्यक्रम में सामिल करे और अज्ञानता से होने वाले अपराध को रोकें ...
Q logon ko in cheezo pe awaaz uthane ke lye sedition charge laga dya jata h....
Q government ispe shakt kanoon nhi bana rhi...kye ye line sirf bekar me kahi gyi h ' beti bachao beti padhao' q government women's safety me dhayan na dekar ke dusre cheezon mein dhayn de rhi h....q government sirf apna profit dekhti hai....
1 दरिंदा बच गया है उसे भी फांसी दो।
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