नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा मंगलवार को शुरू की गई नई सेवा ‘भारत गौरव' के तहत निजी कंपनियां अब किराए और सुविधाओं को तय करने की आजादी के साथ रेलवे से लीज पर लेकर थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेन चला सकती हैं. रेलवे ने इन थीम-आधारित सर्किटों के लिए लगभग 190 ट्रेन का आवंटन किया है, जिन्हें माल और यात्री खंडों के बाद रेलवे द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में तीसरे अनुभाग के रूप में वर्णित किया गया है. हमने इन थीम-आधारित ट्रेन के लिए 3,033 रेल डिब्बों या 190 ट्रेन को चिह्नित किया है.
मंत्री ने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसी राज्य सरकारों ने इन ट्रेन में रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य ताकत का उपयोग पर्यटन सर्किट को विकसित करने और पहचानने और भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का इस्तेमाल करने के वास्ते थीम-आधारित ट्रेन को चलाने के लिए किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह विचार रखा और थीम पर आधारित रेलों का सुझाव दिया ताकि देश की जनता भारत की धरोहर को समझ सके और उसे आगे बढ़ा सके.
ट्रेन में नहीं मिला रिजर्वेशन, तो शख्स ने किया जुगाड़, खुद बनाई नई सीट, लोग बोले- हमें क्यों नहीं आया ये आइडिया - देखें Video वैष्णव के अनुसार इन ट्रेन का किराया व्यावहारिक रूप से टूर संचालक तय करेंगे लेकिन रेलवे सुनिश्चित करेगा कि भाड़े में विसंगतियां नहीं हों. उन्होंने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की सरकारों ने इन ट्रेन में रुचि दिखाई है.रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, इन ट्रेन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया एक लाख रुपये के शुल्क के साथ एक-चरण पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से होगी.
निजी क्षेत्र वाले को ही दीजिये जो पैसे के अनुरूप सेवा दे सकें। एक बंधन डालें कि सेवा में कमी होने पर बहुत अधिक पेनाल्टी देय होगा जिससे गंभीरता से व्यापार करने वाले ही भाग लेंगे, कोई पोलेटिकल क्लाउट नहीं आगे बढ़े नहीं तो अन्य ट्रेनों की तरह इसे भी बंद करना होगा।
रेलवे को बेचने की तरफ़ एक कदम और
सीधे सीधे बोल क्यों नहीं देते की रेलवे को भी बेच दिया है बिना बताए।
Toh tu sirf bechne kiye sarkar mai aaya tha kya?
ये रोजगार कैसे देगे कोई प्लानिंग नहीं है बस जो बना बनाया है, उसे कैसे बेचना है ये इन्हे किसी से नहीं नहीं पूछना पड़ता है ।
सब बेच दो।
टुकड़ों में बेचने से अच्छा है पूरा बेच दो एक साथ ।
Jab sab niji hathun men jaye gi tu sarkar ka kiya kaam
किसानो की जमीन नही दे सके तो कुछ तो देना पड़ेगा ना 🌚
India se America tak train chala sakte h kya ?
रेलवे का निजीकरण करना ही है इसीलिए निजी बड़े घरानों को चलाने को परमिटेड कर देंगे
सब बेच दो जालिम सौदागरों ,
दोनो चीजों का मिलान इस सरकार में तो संभव नहीं
सरकार ही निजी हाथों में है।
जब से सत्ता में आए हैं केवल महंगी trains ही चलाई हैं और पूरा ध्यान रेल्वे को बेचने पर ही रहा है l ग़रीबों के लिए यह सरकार सोचती ही नहीं l
Desh ki vaat lagaate ja rahi hain modi sarkar....aam aadmi , middle class n gareeb ke liye jina mushkil kar rahi hain modi sarkar...! Sab kuch private ho gaya...toh aadmi ro dega ghar ke kharche pure karne main
Jksoniias BKhurkhuria shyamkhurkhuria zeerajasthan_ 1stIndiaNews News18Rajasthan AbotiPrashant DmNagaur ashokgehlot51 ShrawanRamChau2 प्लॉट_नम्बर_04_रद्द_करो
केंद्र सरकार ही निजी क्षेत्र के हाथों में है
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