उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में प्रदर्शन उग्र हो गया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों में गुरुवार को व्यापक प्रदर्शन हुए, जबकि इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार में हिंसा तथा आगजनी देखने को मिली.
दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से दिल्ली पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लाल किला पहुंच रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और आसपास बैरिकेड लगा दिए ताकि लोग वहां तक नहीं पहुंच सकें.प्रदर्शनकारियों में पुरानी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोग तथा छात्र शामिल थे. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.
इससे पहले व्यस्त राजीव चौक, विश्वविद्यालय, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन और लोक कल्याण मार्ग स्टेशनों को भी खोल दिया गया था.विरोध प्रदर्शनों की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर यातायात जाम में चालक दल के सदस्यों के फंसे होने के कारण इंडिगो ने 19 उड़ानें रद्द कर दी हैं, जबकि 16 अन्य उड़ानें विलंबित हुईं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली और लखनऊ के कुछ स्थानों को छोड़कर देश में स्थिति सामान्य है. नए नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क उठी.जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान लोगों ने गांधीगिरी का सहारा लिया और सुरक्षाकर्मियों को गुलाब का फूल दिया और कहा कि पुलिस जितना चाहें उन्हें लाठी मार सकती है, लेकिन उनका संदेश ‘घृणा के बदले में प्यार’ है.
संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने कहा, ‘जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. यहां भीड़ ने एक बस को आग लगा दी जबकि एक अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया.’ जैप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ बंद के दौरान प्रतीकात्मक तौर पर अपने-अपने हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहने पटना के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया.
दूसरी ओर मंगलुरु शहर में गुरुवार को प्रदर्शन तब उग्र हो गया जब प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.प्रदर्शनकारी धारा 144 का उल्लंघन करते हुए सड़क पर उतर आए. क्षेत्र में दुकानें बंद थीं और वाहनों की आवाजाही नहीं हो रही थी. अपर्णा सेन ने कहा, ‘हम एकजुट हैं. भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और बहुलवाद को तोड़ने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी. हम खामोश नहीं रह सकते.’
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को लोगों से नए नागरिकता कानून का विरोध बंद करने का अनुरोध किया क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक अल्पसंख्यक मानवाधिकार समूह ने बंद का आह्वान किया, हालांकि सरदार बाग इलाके में जुटे कुछ लोगों पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को लाठीचार्ज किया.
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