खास बातेंनई दिल्ली: हालांकि ज्यादातर याचिकाओं में कानून को असंवैधानिक करार देकर रद्द करने की मांग की गई है. याचिकाओं में कहा गया है कि CAA संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ करता है. ये कानून मनमाना और समानता के अधिकार के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है. धर्म के आधार पर किसी को नागरिकता देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. NPR और CAA के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
लगातार विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट में विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 130 याचिकाओं पर सुनवाई होगी. मुख्य याचिकाकर्ता जयराम रमेश, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, जमीयत उलेमा हिंद, असदुद्दीन ओवैसी, असम से कई संगठन हैं, जिसमें ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, कमल हसन की पार्टी, डीएमके और महुआ मोइत्रा शामिल हैं. याचिकाओं में कानून पर रोक लगाने की मांग भी की है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता परखने के लिए जस्टिस एनवी रमनाकी अध्यक्षता में पांच जजों का संविधान पीठ मामले की सुनवाई बुधवार जारी रखेगी. केंद्र की ओर से पेश AG के के वेणुगोपाल ने इस मामले को पांच से अधिक जजों की संविधान पीठ में ना भेजे जाने की वकालत की.
बेंच के चार अन्य जजों में जस्टिस एसके कौल, जस्टिसआर सुभाष रेड्डी, जस्टिसबीआर गवई और जस्टिससूर्यकांत शामिल हैं.
लगता है कि झुक गई तेरे कलम की ताकत - आज फिर तू बातिल को बातिल न कह सका - (सुप्रीम कोर्ट)
हमारी सरकार बिल्कुल अंग्रेजों की तरह से राजनीति कर रही है कि लोगों में हिंदू मुस्लिम धर्म में फूट डालो फिर उस पर हुकूमत करो।
कल हिंदुस्तान में लाखों लोग भूखे सड़कों पर सोते थे और आज1,2 करोड़ लोग भूखे सड़कों पर सो रहे हैं।लोगों के पास रोजगार नहीं है हमारी सरकार सिर्फ हिंदू मुस्लिम कर रही है और कुछ नहीं। जबकि धर्म का काम है विकास देना रोजगार देना लेकिन बेरोज़गारी बढ़ रही है। विकास तो खत्म हो गया है।
होगा क्या,कुछ नहीं
अगर आज सुप्रीम कॉर्ट ने काले कानून को बंद नहीं किया तोह समझ गया सुप्रीम कॉर्ट का जमीर मर गया है सरकार के चाटुकार रहेंगे
कोई उम्मीद नहीं है सुप्रीम कोर्ट से। आरएसएस ने सबकी सेक्स सीडी बनाई होंगी... जैसे रंजन गोगोई की बनाई थी।
आज सुप्रीम कोर्ट का इम्तिहान है, संविधान या मनुस्मृति
आप अपने कुछ खास पत्रकारों वहाँ जरूर भेज दीजियेगा ताकि गोदी मीडिया शाहीन बाग वालों को गलत जानकारी न दे दे।
वैसे हिंदुस्तान की ' उच्च फैसला स्थल' से अब ज़्यादा कोई उम्मीद नहीं है
अल्लाह से दुवा है कि शाहीन बाग और पूरे देश मे धरने पर बैठी माँ बहनों को राहत मिले और ये काला कानून वापस करके न्याय मूर्ति एक नया इतिहास रचे
उम्मीद न रखे। सुप्रीम कोर्ट मोदी और शाह को नाराज़ नही कर सकता ।
आज न्याय की परीक्षा है !
SupremeCourt of India let the hope of billions of Indians win with you SaveConstitution
Aspire Home Finance (Motilal Oswal Group) Very worst experience. Interest rate is very high, Poor Management, Staff and Service. Recovery officers are worst using bad language. very cheap and fraud company I have never seen. Be aware and do not take any loan it's a trap.
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