सीबीडीटी की प्रवक्ता सुरभि आहलूवालिया ने बीबीसी से दैनिक भास्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई की पुष्टि भी की थी.
जिसके बाद सरकार की काफी आलोचना भी हुई और आरोप भी लगे की सरकार विरोधी ‘सच्ची ख़बरें’ दिखाने के कारण ये छापे पड़े हैं.22 तारीख़ हुई इस छापेमारी के संदर्भ में वित्त मंत्रालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है.यह समूह मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट समेत कई क्षेत्रों के कारोबार में शामिल है.समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियां हैं.
तलाशी में कुछ लोग ऐसे भी मिले हैं जिन्होंने कागजात पर हस्ताक्षर तो किए थे लेकिन उन्हें कंपनियों की किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की जानकारी नहीं थी, जिसमें उन्हें शेयरधारक माना जाता था.दावा है कि यह रकम अधिक भी हो सकती है और पता करने के लिए जांच की जा रही है.
यदि 700 करोड़ की आय छुपाई होती तो डीबी सरकार की आलोचना ना करता बल्कि लल्लोचप्पो करता जैसे अन्य सूचना माध्यम कर रहे हैं। बस यही है कि हमारा कुत्ता तो टोमी और तुम्हारा कुत्ता , कुत्ता।
सरकार के कारनामे को उजागर करना सम्पत्ति छिपाना है और chinal बेदाग़ है?
जनाब तरीका थोड़ा गलत था| अगर वित मंत्रालय को मालूम था| तो रेड करने की बजाय कानूनी कारवाही करते| मेरा मतलब है| कि लीगल नोटिस भेज देते| डराना धमकाना गलत है|
मोदी सरकार के सारे दावे आजतक झूठे ही निकले हैं।
भाजपा के खिलाफ बोलो तो छापे पड़ जायेंगे या तो जेल भेज दिया जाएगा
bjp ki hakikat dekhane ki saja
DainikBhaskar ne sarkar ko sach ka aina dikhaya , aur BBC jaisa defensive nhi agressive mode me.
Kiun ki inki pol kholi tabhi to chhupaea is feku sarkar ko sharam kabhi nahin aaea
Ye tho hona hi thaa shame bjp
इनके आज तक के दावे सफ़ेद झूठ ही साबित हुआ है
निकम्मी सरकार पता क्यों नहीं लगा पायी। निकम्मी सरकार को बर्खास्त करो।
शर्म है ऐसे मीडिया हाउस पर जो पत्रकारिता कि आड़ में गलत तरीके से पैसा बनाते हैं.
Vitta mantralaya ka dava hi rahega bus. Jo desh se paise lekar bhagey hain unko aaj tak kuch nhi kar paye.ambani adani ka kai lakh crore ka karza maaf kiya. Jo bjp ke khilaf bolega IT raid. Modi ji ati ka ant bhut bhayankar hota hai
इन्हीं के सरकार में ही सब हो रहा,कोई बैंक लूट कर जिसको जैसे मौका
वित्तमंत्रालय का दावा नहीं है,इडी ने बताया है
जब तक सत्ता की दलाली कर रहा था तब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी।
To dhundh lete na...chhapa to mara hi tha
कुछ तो बोलेगा
Hahhahahahahhaha kuchh v laga ke band krwa Doo
Lutere Press
अरे भोसड़ा वालो 700 करोड़ ही नही जाने, वो भी एक समाचार पत्र वाले के पास । कोई नोएडा का न्यूज़ चैनल की बात करते तो समझ आता कि उसके पास हो सकते है 700 करोड़ ।
Devide and Rule की नीति अभी तक छोड़ी नहीं अंग्रेजो ने?
सरकार की बुराई करने के बाद मालूम चली क्या ये बात 😂🤣!!?
Than why, IT deptt. return without any proof.
अभी तक का सोते रहे थे
जो सरकार के खिलाफ जायेगा वो देशद्रोही घोषित कर दिया जाएगा या किसी केश में फसा दिया जाएगा ।
sarkar ki nazar. hamesha dusro ki aay pr hi kyu rehti h
लेकिन तमाम अध्ययन यह दिखा रहे हैं कि प्रिंट मीडिया अब इतना लोकप्रिय नहीं है। हर कोई ट्विटर पर है। तो 700 करोड़ रुपए कहां से आ रहे हैं?
कुछ भी बता दो
वित्त जी इसे कम से कम 1000 करोड़ तो करो।
देश पे तो बहुत लोग की आय छुपी हुई है फिर निशाने पे दैनिक भास्कर ही क्यों
दावा नहीं सच है।
छापा 1 साल पहले क्यूँ नहीं मारा?..1,2 साल पहले क्या सब सही था?corona second wave की reporting के बाद ही क्यूँ छापा मारा?साफ समझ में आ रहा है सत्ताधारियों की हाँ में हाँ लगाओ वर्ना एजेंसियों द्वारा प्रताड़ित होने को तैयार रहो.जंगलराज.आम जनता को बेजुबान कर exploited करना चाहते हैं
,,😂😂
दावा
Bakwas..
Ye pata ab laga jab usne modi ke khilaf news chhapi
Pakdo salo ko Newspaper he koi bhagwan nhi he
वित्त मंत्रालय को ये तब दिखा जब गुजरात के जासूसी कांड पर छाप दिया दैनिक भास्कर ने आखिर कुकर्म कब तक छुपाया जा सकता है😄
दैनिक भास्कर ने खूब चमचागिरी की है, और खूब माल भी कमाया है.! लेकिन उसकी टैक्स चोरी सरकार को तब दिखी... जब वो सरकार के खिलाफ छापने लगा.! अब फिर से 'सेटिंग' होगी, अखबार फिर से मोदी का जयकारा लगाएगा, और टैक्स चोरी वाली फाईल किसी मंत्री के बेडरुम में रहेगी... ताकि प्यार बना रहे.!!
ये तो आज कल के बाबा जैसे हो गए है पूरे समाज पूरे नेताओ पूरे नोकरी करने वालो वायपारी वर्ग सब को ईमानदारी कि घुटी देते है अपने पीना भूल गए
Saboot ke sath pesh kare dava bhut ho gaya aur haan isse jo corona deat per juth and kitane crime ko chhupane ka shadyantra kiye vo sahi nahi ho jayega DB ne jo sach hai ujagar ki h vo bilkul sahi h tumko beiman ho
अगली बार के दफ़्तरो पे छापे परने चाहिए इनके पास से 1000 करोड़ की आय छुपी हुयी निकलेगी। Firangimedia
Bakwas
और 7 साल तक सरकार इंतज़ार में थी
सारे पैसे मोदी योगी के सरकार के ही दिए हुए हैं ! वापस माँग रहे हैं 😂
Mili kahe nhi
सरकार कोई बात सच नही बोलती
मुझे याद है ऐसे ही CBI कहती थी SatyendarJain के बारे में और बड़ी-बड़ी हेडलाइन बनती और छपती थी की हवाला किया लेकिन 7 साल बाद वो हेडलाइन सिर्फ हैडलाइन ही रही बदनाम करने के लिये, ऐसा ही इसमें भी है। शर्म आती है ऐसी कठपुतली एजेंसियों पर।
RaviSah11755500 hitchhiker02013
6 sal se vitt Mantralaya so raha tha ab nind khuli
जब तक दैनिक भास्कर दलाली करता रहा तब तक वो सबसे अच्छा अखबार था,लेकिन जैसे ही उसने कुछ खिलाफ क्या लिख वो चोर हो गया। खैर हमें क्या, साफ बात ये कि दैनिक भास्कर भी कम नहीं था
काश यह बीजेपी रूपी गंगोत्री में डुबकी लगा लेता तो सारी रकम सुपर रिन की चमकार के साथ अल्ट्रा व्हाइट हो जाती।
क्यों नहीं, देशभक्ति पार्टी की आमदनी अज्ञात स्रोतों से होती है, इलेक्टोरल बांड से, ये आरटीआई में नहीं आऐंगे! ईमानदारी हो तो ऐसी..
कोई बात नही झबरू का कहां मानकर दोस्ती बनी रहे वाला फॉर्मूला जल्द लागू होगा
दैनिक भास्कर की मॉनिटरिंग अब सीधा वित्त मंत्रालय करेगी। सामत आने वाली है दैनिक भास्कर पर।
So 7 years ....Were they sleeping..You should penalize IncomeTax department for sleeping for 7 years....vendata....
जिसे आप दावा बोलकर हेडलाइन बना रहे हो, वो दावा नहीं सचाई है और दावा ये है की मोदी दैनिक भास्कर से 'बदला' ले रहा है 😂
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने ज्यादा टैक्स चुकाया था।
मौज कर दी।
तभी तो इस चोर कम्पनी के चोर मालिक द्वारा जबरदस्त शोर मचाया गया था ताकि विरोधियों को अपने पक्ष में लामबंद किया जा सके।पर यह भूल गए थे कि खाओ ख़िलाओ वाली बात अब नही रही।
Unfounded charges for justification. Why did the machinery not move earlier if all that was happening
लगता 7 साल से सब सो रहे थे।।।। 18 घंटे काम करते है या जासूसी ।।।
Sabhi news walo ka audit ho jaye ek ek kr k
Band Bhaskar
इतने बर्षो से क्या कर रहे थे?जो 700 करोड़ छिपा हुआ धन बता रहे हो नौकरी भी ठीक से नही करते हो।
मजा आ रहा है ना, मित्रों ७०० करोङ रूपये, इससे ज्यादा तो हम पार्टी फंड मे दे चुके है।
❤👍
घपला करो। और जब उसकी जाँच हो तो छाती पीटो कि सरकार की बुराई की, इसलिए बदले की कार्रवाही है। फिर 700 करोड़ का फर्जीवाड़ा क्यों। पता नही और क्या क्या नया गुल खिलाएगा ये भास्कर। घपले की जांच से बचना है तो सरकार और मोदी को खूब गालियां दो। अच्छा हथकंडा है ये!
2200 करोड का घोटाला है
तो अबतक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं?
भारत सरकार के दावे हैं इन दावों का क्या कहना..! एकबार मोदी साबुन से नहाकर राष्ट्रवादी बनने को माँगता है..!! मजाक बन गया मुल्क शर्म का एहसास होता हैं मोदी की कारस्तानी पर।।
इसी तरह हर न्यूज़ चैनल वालों कि जांच होनी चाहिए
अभी तो रेड चल ही रही है इतनी हड़बड़ी में कौन रिपोर्ट आउट कर रहा है
ऐसे कईं मीडिया संस्थान है, जिसमें BBC भी शामिल है 😀😀😀
इतने ज्यादा छपे .. कि ..भाव में बिकें से लगे☄️
झूट
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