कुछ घटनाओं में ऐसा देखा गया कि विरोध का सुर रखने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दायर किया गया है। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि यह सही नहीं है।
जस्टिस गुप्ता ने कहा कि किसी पार्टी को 51 फीसदी लोगों का समर्थन प्राप्त हो इसका यह मतलब नहीं कि बाकी 49 फीसदी लोगों को पांच वर्षों तक कुछ नहीं बोलना चाहिए। लोकतंत्र 100 फीसदी के लिए होता है। सरकार सभी के लिए होती है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति की भूमिका होती है। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि जब तक कोई कानून न तोड़े तोड़े, उसके पास हर अधिकार है।
जस्टिस गुप्ता ने यह भी कहा कि नागरिकों को साथ मिलकर प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन शांतिपूर्ण तरीकेसे। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा सही नहीं होती। हम सभी गलतियां करते हैं। सरकार को प्रदर्शन का दमन करने का अधिकार नहीं है जब तक प्रदर्शन हिंसक रूप अख्तियार न कर ले। सही मायने में वह देश आजाद है जहां अभिव्यक्ति की आजादी हो और कानून का शासन हो।
जस्टिस गुप्ता ने कहा कि किसी पार्टी को 51 फीसदी लोगों का समर्थन प्राप्त हो इसका यह मतलब नहीं कि बाकी 49 फीसदी लोगों को पांच वर्षों तक कुछ नहीं बोलना चाहिए। लोकतंत्र 100 फीसदी के लिए होता है। सरकार सभी के लिए होती है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति की भूमिका होती है। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि जब तक कोई कानून न तोड़े तोड़े, उसके पास हर अधिकार है।
अरे sir , दो शब्द इन जाहिलो के लिए भी तो बोले ,जो ये कर रहे है वो सही है। जहाँ जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक है वहाँ ये कार्य करके देखे ,और तक कोई हिन्दू के साथ नही होता
Bhosdi ke.... Kursi pr baithne vale abb desh bachaye gy
जज साहब इतने नादान नहीं है हम कि विरोध व देश विरोध का अन्तर नहीं समझ सकते। जो नहीं समझ पा रहे हैं उनकी कुछ मजबूरियां हो सकती हैं। ह
एक और सठियाया हुआ। सही नीति का विरोध करना क्या देश विरोध नही है। महीनों से सड़क बाधित करना देश विरोध नही है। ऐसे नासमझ न्यायाधीश ही देश नष्ट करते हैं।
YE BHI LAGTA HAI URBAN NAXAL KA CHUPA MEMBER HAI MULLO BE MATLAB KA VIRODH KARENGE TO USHE DESHDROH KI TARAH DEKHA JAYEGA HI YE DHARNA KIYUN KYA IN MULLO KO DESH SE BAHAR KIYA JAA RAHA HAI DHARNA HI DENA HAI TO ROAD JAAM KIYUN JANTAR MANTAR PAR JAKE DHARNA DO ROAD BLOCK KIYUN KIY
जज साहब का कहना बिलकुल सही है।
क्या मीलॉर्ड साहब... ये कौन लेवल का विरोध है
अबे भड़वो राष्ट्र विरोध नहीं तो और क्या है, जो विधेयक संसद से पास होकर कानून बन गया, अब उस कानून को ने मानना कौन सी श्रेणी में आयेगा बे
Inka Kya aarti utari jaye
फिर मीलार्ड जो हो रहा है वो क्या है?
विरोध मानव से होना है न की देश से कुछ लोग देश से विरोध रखते है देश को ही गाली देते है
Virodh road per na ho
Muslims are doing deshdrohita.
To kis tareh Lena chahiye.
Road khali kara do hame dhaene se kya lena dena😡😡
Lekin agar virodh hi desh ka ho to use kis najar se dekha Jana chahiye. Ek justice k shabd jb aam insano k lage to vichar karne layak hai.
पैर पकड कानून वापस ले क्या?नही ये हिन्दूओ की बात की कानून है। नही ये देस द्रोह है।
लोकतंत्र में लोगों द्वारा शांति पूर्वक विरोध करना लोकतंत्र के हित के लिए होता है। देश के सभी लोगों को मिल जुलकर एक साथ बहुमत से विरोध करना हितकर होता है।
चेसमा लगा के देखना चाहिए
सही है सरेआम पत्थरों और गोलियों से पुलिस और हिन्दुओं को मारा जाना चाहिए
जिस CAA से इनका कोई लेना देना नहीं है उसका ये लोग क्यू विरोध कर रहे है।
विरोध के नाम पर गोली चलना और जवान की हत्या कर देना इसको किस तरह से देखते है। जज है कृपया प्रवचन न दे। शांतिपूर्ण प्रदर्शन बोलकर जो दिल्ली में हो रहा सब देख रहे है कि विरोध है या आतंक।
लेकिन विरोध के नाम पर बम विस्फोट करो हत्या करो! बहुत अच्छे विचार है आपके... थू
मोदी सरकार यही कर रही है जो गलत है इस सरकार के खिलाफ जो बोलेगा वह देशद्रोही है उसके ऊपर तुरंत फर्जी मुकदमा दायर कर देती है दिल्ली पुलिस आज कल दिल्ली पुलिस खाकी नहीं खादी की बोली बोलती है जो नेता बोलते हैं वहीं दिल्ली पुलिस बोलती है
भले ही वो हिंसक विरोध हो!भई वाह!आप जस्टिस हैं?ग्रेट!
हमारे देश की न्यायपालिका वेवस लाचार हो गया है मूर्ख सासंद विधायक कानून बनाता है उसी पर अमल करना होता है अगर ऐसा नही है तो शिक्षा स्वास्थ्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास क्यो नही करते है किरानी के लिए परीक्षा लेकिन शिक्षक का वहाली मुखिया जी द्वारा
sir आप अपने साथ कुछ vip, राजनीतिज्ञ लेकर कृपया एक दिन आम दिल्लीवासी की तरह बदरपुर से नोएडाकी यात्रा अवश्य करे,यह विनम्र निवेदन है, मेरा विचार है कि शायदआपकी राय बदल जाए,कुछ लोगो ने सड़क बंधक बनाकर गरीब नौकरी पेशा वालो को जो दुख दिया है आप भले ही न देखे ऊपरवाला अवश्य देखेगा। 🙏🙏
उपद्रव करना, छतो से पत्थर फेंकना, आग लगाना देशद्रोह है कि नहीं।
तो क्या इसे हम भाई चारे के प्रतीक समझे । एक बात समझ नही आता कि कोर्ट में जब सभी संविधान को मानते हुए इस एक्ट को लागू किया गया है ऐसा मान लिया गया है तो फिर इसका विरोध आसवैधानिक नही होगा क्या ओर वो भी दुरसरो को परेशान करके विरोध करना आप जज अपनी मेहनत से ही बने हो ना या फिर पैसे
तो देश में आग लगाने वालों की आरती उतारें, इन्हें देखकर समझ सकते हैं कि कैसे निर्भया के बलात्कारियों को फांसी नही हो रही, कैसे देशद्रोहियों को बिना सजा दिये छोड़ दिया जाता है, इन जैसे न्यायाधिशो ने अदालतों को कोठा बना दिया
ये जो दिल्ली में पत्थरबाजी हो रही हैं उसे कैसे देखें
लगे हाथ ये भी बता दो जो भारत को तोड़ने का - बढ़िया प्लान बनाए और लोगो में प्रचारित करे उसे देशद्रोह की श्रेणी में रखा जाय या नहीं
Des virodi nare lge tb Kya dekna chahiye
सावन के अन्धे को हरयाली ही दिखती हैं।
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