10% तक गिरावट का रेटिंग एजेंसियों का अनुमानइस वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही यानी सितंबर में खत्म तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े सरकार आज यानी शुक्रवार को जारी करेगी. ज्यादातर एजेंसियों ने जीडीपी में 5 से 10 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है. अगर ऐसा हुआ तो तकनीकी रूप से यह मान लिया जाएगा कि भारत में मंदी आ चुकी है.जीडीपी में 5 से 10 फीसदी की गिरावट भी राहत की बात होगी, क्योंकि इसकी पिछली तिमाही यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है.
यानी तकनीकी रूप से भारत में मंदी आ जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक के इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक इतिहास में पहली बार भारत तकनीकी रूप से मंदी में प्रवेश कर चुका है. रिजर्व बैंक ने सितंबर तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है.इस बात की उम्मीद की जारी है कि अगली तिमाहियों यानी तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था में मामूली सुधार हो सकता है. केयर रेटिंग्स ने सितंबर तिमाही में जीडीपी में 9.9 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है.
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