दिल्ली हिंसा मामला: HC के आदेश पर पिंजरा तोड़ के तीनों एक्टिविस्ट तिहाड़ जेल से रिहा, दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई

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दिल्ली हिंसा मामला:HC के आदेश पर पिंजरा तोड़ के तीनों एक्टिविस्ट तिहाड़ जेल से रिहा, दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई DelhiHC DelhiPolice

दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी पिंजरा तोड़ के एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल को गुरुवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट ने आज सुबह ही इन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।

इसके बाद कोर्ट ने तुरंत रिहाई का आदेश जारी किया। आदेश की कॉपी मेल के जरिए तिहाड़ जेल के प्रशासन को भेजी गई। उधर, दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।बेल के 36 घंटे बाद भी नहीं मिली जमानत सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि तीनों का वेरिफिकेशन करने की वजह से रिहाई में देरी हुई है। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि हम तीनों का पता वेरिफाई कर रहे हैं, जो अलग-अलग राज्यों में हैं। हमारे पास ऐसी ताकतें नहीं हैं, कि झारखंड और असम में दिए गए पते को इतनी जल्दी वेरिफाई कर सकें। इसलिए इसमें समय लग रहा है।

 

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जेएनयू का कचरा......

ऐसा कैसे होता है कि सारे देशद्रोही, जेहादी, दंगाई, ब्लातकारी कोर्ट द्वारा बेल दे दिए जाते हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए देश कि पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए होते हैं ? और छोटी मोटी और राजनीतिक केसों में राष्ट्रवादी लोग सालो जेलों में सड़ते रहते हैं। मिलाड, तु आल आर ग्रेट!

दिल्ली DelhiPolice CPDelhi जी प्रवेश वर्मा,कपिल मिश्रा,अनुराग ठाकुर जो आपकी नाक के नीचे देशद्रोही बयान देते तब आपके नाक-कान,मुंह पर ताला क्यों लग जाता है और आम नागरिक अपने हक के लिए आवाज उठाए और उनको indSupremeCourt SupremeCourtFan बैल दे दें आप रिहा नहीं करते barandbench

सुर्ख़ियां बटोरने के लिए कुछ चर्चित कार्य को महत्व दे रहे हैं भले ही कुछ समय तक बदनाम भी क्यों ना होना पड़े बाद में तो सारे लोग धीरे-धीरे सबकुछ भुल जाएंगे,,, और कुछ समय बाद ,,,ऐसे लोगो को राजनीतिक में भी मौके मिल जाते हैं

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