है। हर साल बरसात के मौसम में यमुना उफान पर होती हैं। दिल्ली में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और चर्चा में रहता है दिल्ली से 200 किलोमीटर पर स्थित हथिनीकुंड बैराज। आइए जानते हैं हथिनीकुंड बैराज के बारे में। कब निर्माण हुआ, क्या उद्देश्य थे और कैसे पड़ा हथिनीकुंड नाम।
हथिनीकुंड बैराज मुख्य रूप से हरियाणा के यमुनानगर जिले में है, लेकिन इसकी सीमाएं कई राज्यों से लगती हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का कुछ हिस्सा शामिल है। बैराज का निर्माण 1996 से 1999 के बीच सिंचाई के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि, 2002 तक धीमी कार्य प्रगति के चलते बैराज शुरू नहीं हो पाया था।
हथिनीकुंड बैराज से पहले यमुना पर तजेवाला हेड था। जिसका निर्माण 1873 में किया गया था। हालांकि यह अब सेवा में नहीं है। तजेवाला हेड से ही यमुना के पानी का बंटवारा होता था। अब यमुना के पानी का बंटवारा हथिनीकुंड बैराज से होता है। लगभग 60 प्रतिशत दिल्ली के पानी की आपूर्ति हरियाणा ही करता है। बैराज से तजेवाला हेड की दूरी लगभग 3-4 किमी है।यमुना की मुख्य धारा के अलावा हथिनी कुंड बैराज से दो नहरे निकली हैं। जिन्हें पश्चिमी यमुना नहर और पूर्वी यमुना नहर के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा बैराज में एक छोटा...
जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए अधिक पानी छोड़ा जाता है। जिससे यमुना के तट पर बसे दिल्ली समेत कई शहरों में बाढ़ आ जाती है। इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जाती है कि दिल्ली में यमुना नदी में काफी मात्रा में गाद जमा है। इस सिल्ट की सफाई न होने से नदी की धारा छिछली हो गई है। अधिक पानी आने पर यह रिहायशी इलाकों में घुसना शुरू कर देता है।20 सितंबर 2010 में 744507 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।08 जुलाई 2018 में 605949 क्यसेक पानी छोड़ा गया। है। हर साल बरसात के मौसम में यमुना उफान पर होती हैं। दिल्ली में जनजीवन...
जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए अधिक पानी छोड़ा जाता है। जिससे यमुना के तट पर बसे दिल्ली समेत कई शहरों में बाढ़ आ जाती है। इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जाती है कि दिल्ली में यमुना नदी में काफी मात्रा में गाद जमा है। इस सिल्ट की सफाई न होने से नदी की धारा छिछली हो गई है। अधिक पानी आने पर यह रिहायशी इलाकों में घुसना शुरू कर देता है।20 सितंबर 2010 में 744507 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।08 जुलाई 2018 में 605949 क्यसेक पानी छोड़ा...
क्यों एक साथ, एक ही समय पर इतना अधिक पानी छोड़ा जाता है? योजनाबद्द तरीक़े से कार्य क्यों नहीं कर पाते, सभी विभाग? वर्षा का पूर्वानुमान लगाने में क्यों अक्षम है, मौसम विभाग? क्या वजह है? घण्टाadvisory
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जिसका नाम ही इतना भयंकर हो तो तबाही तो भयानक होगी ही.
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