इसलिए इनकी कीमतें भी आसमान छू रही हैं। यूं कहें कि वैश्विक महामारी के दौर में हर तरफ कालाबाजारी हावी है। सब्जियों के भाव थोक में कम है तो रेहड़ी-पटरी पर ऊंची कीमत वसूली जा रही है। मंडियों में फल यह कहकर महंगे बेचे जा रहे हैं कि आवक कम है। मंडियों में मासाखोर एक तरफ कमीशन लेता है तो फिर आढ़ती। इसके बाद फिर रिटेल में जब फल-सब्जियां पहुंचती हैं तो ये भी ऊंची कीमत पर बिकती है। किसानों के हाथ इस बीच खाली रहते हैं।कोविड महामारी ने कच्चे सौदे के भाव भी आसमान पर पहुंचा दिए हैं। संतरे की मांग पिछले...
सबसे अधिक मांग वाले मौसमी की बात करें तो थोक भाव में इसकी 40 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जो खुदरा बाजार में 100-125 रुपये प्रति किलो बिक रही है। गर्मी की वजह से एक बड़े वाले मौसमी में एक नींबू से ज्यादा रस भी नहीं निकल रहा है। नारियल पानी की मांग भी कोविड की वजह से बढ़ी हुई है। खुदरा बाजार में जो नारियल पानी 40-50 रुपये में मिलता था, वह थोक भाव में ही इतनी कीमत पर बिक रहा है।
किसान तो लूट रहा है, लेकिन बिचौलियों की चांदी है। मासाखोर, आढ़ती फिर खुदरा विक्रेता के बीच ग्राहकों तक भी सौदा पहुंचते-पहुंचते महंगा हो रहा है। मंडी का मासाखोर आढ़त से खरीद लेता है और फुटकर व्यापारियों को महंगा बेच देता है। कुछ लोगों ने कोविड की वजह से भाव भी बढ़ा दिया है। इन दिनों मौसमी, नारियल पानी, कीनू, चेरी, कीवी समेत सभी तरह के साइट्रस फ्रूट के भाव बढ़े हुए हैं। थोक मंडी में तो स्थिति थोड़ी बेहतर हैं, लेकिन रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाले फल काफी महंगे हो गए हैं।कोविड की वजह से आवक भी कम है और...
सबसे अधिक मांग वाले मौसमी की बात करें तो थोक भाव में इसकी 40 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जो खुदरा बाजार में 100-125 रुपये प्रति किलो बिक रही है। गर्मी की वजह से एक बड़े वाले मौसमी में एक नींबू से ज्यादा रस भी नहीं निकल रहा है। नारियल पानी की मांग भी कोविड की वजह से बढ़ी हुई है। खुदरा बाजार में जो नारियल पानी 40-50 रुपये में मिलता था, वह थोक भाव में ही इतनी कीमत पर बिक रहा है।
किसान तो लूट रहा है, लेकिन बिचौलियों की चांदी है। मासाखोर, आढ़ती फिर खुदरा विक्रेता के बीच ग्राहकों तक भी सौदा पहुंचते-पहुंचते महंगा हो रहा है। मंडी का मासाखोर आढ़त से खरीद लेता है और फुटकर व्यापारियों को महंगा बेच देता है। कुछ लोगों ने कोविड की वजह से भाव भी बढ़ा दिया है। इन दिनों मौसमी, नारियल पानी, कीनू, चेरी, कीवी समेत सभी तरह के साइट्रस फ्रूट के भाव बढ़े हुए हैं। थोक मंडी में तो स्थिति थोड़ी बेहतर हैं, लेकिन रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाले फल काफी महंगे हो गए हैं।कोविड की वजह से आवक भी कम है और...
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