नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में एक दुकान की लूटपाट से जुड़े मामले में दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के भाई समेत तीन आरोपियों को बरी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जबरदस्त फटकार लगाई है और कहा है कि “पुलिस का प्रभावी जांच का इरादा नहीं”. “कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने केवल अदालत की आंखों पर पट्टी बांधने की कोशिश की है और कुछ नहीं. ये मामला करदाताओं की गाढ़ी कमाई की भारी बर्बादी है. इस मामले की जांच करने का कोई वास्तविक इरादा नहीं है.
यह भी पढ़ेंकोर्ट ने कहा है कि “इतिहास दिल्ली में विभाजन के बाद के सबसे भीषण सांप्रदायिक दंगों को देखेगा तो नए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करके सही जांच करने में जांच एजेंसी की विफलता निश्चित रूप से लोकतंत्र के रखवालों को पीड़ा देगी.” एडिशनल सेशन जज विनोद यादव ने शाह आलम , राशिद सैफी और शादाब को मामले से बरी कर दिया है. दरअसल दिल्ली दंगों में हरप्रीत सिंह आनंद की शिकायत पर ये मामला दर्ज़ किया गया था. दिल्ली दंगों में हरप्रीत सिंह आनंद की दुकान को जला दिया गया था.
कोर्ट ने कहा है कि लंबे समय तक इस मामले की जांच करने के बाद पुलिस ने इस मामले में केवल पांच गवाह दिखाए हैं, जिनमें एक पीड़ित है, दूसरा कांस्टेबल ज्ञान सिंह, एक ड्यूटी अधिकारी, एक औपचारिक गवाह और आईओ. जो सुबूत कोर्ट के सामने रखे गए हैं वो पर्याप्त नहीं हैं. कोर्ट ने कहा है इस मामले की जांच में दिल्ली पुलिस ने कर दाताओं का पैसा खराब किया है.
पुलिस बेचारी क्या करे? वो तो गेंडा स्वामी के आदेश का पालन कर रही थी।
DelhiPolice वाह उस्तादों वाह तुमने भी धर्म हि देखा बस वर्दी ना देखी, और जब शपथ ली थी तो पूरे निष्ठा से ली थी, मगर विडीओ मे सब खेल पता चल रहा था । एक तरफा हुई हम्म इंसान नहीं क्या या मंगल ग्रह से आए हुए लोग है । हमारा भी खून लाल है पीला नहीं है, हम्म भी हिंदी बोलते है ।
कोशिश की
Gazaaab 👍👍👏👏 great achievement in modi raj books. History will remember u. Everyone knows what happened who did it, ofcourse they are subject matter experts doin it since 2002, maybe ppl have short memory n short on options but they will wake up. Kisan andolan is wake up call
पुलिस किसकी अमित शाह केन्द्र सरकार की पुलिस का नाम इसके पीछे केन्द्र सरकार है
पहले झूठा केस दर्ज करके जेल में डाल देते हैं एक साल दो साल के बाद कोर्ट कहता है पुलिस ने हमारी आँखों में धूल झोंका, इससे जितना time बरबाद हुआ वो वापिस आयेगा❓ किया कोर्ट ऐसे पुलिस वालों और अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा ❓ जिन परेशानियों से घर वालों का सामना हुआ उसका किया❓
तो..... ? आपको हंटर चलाने से किसने रोका है! या फिर कह दीजिये कि आपके ऊपर राजनीतिक दबाव है, इसलिए हल्की फटकार लगाने के अलावा कुछ नहीं कर सकते।
जहाँ पहले ही पट्टी बंधी हो वहाँ बांधने की क्या जरुरत है क्या खुद अपनी आंखो से नहीं देख पाते क्या आप दूसरी दुनिया में रहते हैं... सरे आम रैलियों में नारे लग रहे थे लोगों को भड़काया जा रहा था भड़काऊ बयान दिये जा रहे थे मिडिया झूठ फैला रहा था ।।
अगर सच देख सकते हैं तो देख लीजिए
सज़ा दीजिये DelhiPolice CPDelhi को इनकी बेशर्मी, निकम्मेपन और शासक विशेष के प्रति इनकी चाटूकारिता एवम निर्लज़्ज़ता के लिए.... माननीय न्यायालय !!
दोषपूर्ण जांच करने वाले पुलिस अनुसंधान कर्मियों के सेवामुक्त करने के आदेश भी जारी होते तो समाज में न्यायपालिका के लिए और शानदार संदेश जाता।
दोगले प्रधानमंत्री का दोगला काम
The most brutally killed people were Hindus.. That's why all are getting bail.. Remember how Dilbar Negi has been chopped into pieces and IB official who has been stabbed multiple times by the Jihadis
कहीं delhi riots में पुलिस का हाथ तो नहीं जिसे छिपाने के लिए पुलिस कोर्ट के आंख में पट्टी बांध रही है।
मोदी जी अपनी धर्मपत्नी को अच्छे दिन नहीं दिखा पाए और पूरा हिंदुस्तान की आवाम अच्छे दिन की उम्मीद में मोदी को पीएम बनाकर खुद के बुरे दिन देख रहा है। IndiaOnSale resignmodi
सही कहा कोर्ट ने जब तक आप के बड़े नेता नही पकड़े जायेंगे और जाँच मे नहीं आयेंगे , तब तक कैसी जाँच.
releaseumarkhalid
अमीत शाह की दिल्ली पुलिस अपराधियों को अपराध देखकर नहीं धर्म देख कर गिरफ्तार करती है बेगुनाह जेलों में बंद हैं और गुनाहगार खुलेआम घूम रहे हैं।
दिल्ली पुलिस तो गाड़ी के समान है जो चलाने वाले पर निर्भर है कि वो उसे एक्सप्रेस वे पर चलाता है या गड्ढे युक्त सड़क पर।
Jab police wale naukari join karte Hain to yah qasam kiski kehte hain?
उससे क्या होगा पट्टी तो पहले से ही है बेगुनाह लोगो को पुलिस पकड़कर जेल में डाल देती है UAPA लगा देती 5-10 साल तक जेल में रहने के बाद कोर्ट कहता यह तो मासूम है इसने तो कुछ नहीं किया है इसको बरी कर दिया गया अब कोर्ट से कोई यह पूछे की उस बेगुनाह के 5-10 साल कौन वापस करेगा
tabh bhi kuch ukhad nahi paoge delhi police ka.. sabko pata hai kisne aur kaise kiya tha
Q Ki Delhi Police Asal Dangayion Ko Bachana Aur Victims Ko Phansana Chahti Hai
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