दिल्ली दंगों के बाद क्या थी दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी और उसने क्या किया?

  • 📰 द वायर हिंदी
  • ⏱ Reading Time:
  • 81 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 36%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

दिल्ली दंगों के बाद क्या थी दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी और उसने क्या किया? DelhiRiots DelhiGovt ArvindKejriwal Society दिल्लीदंगा दिल्लीसरकार अरविंदकेजरीवाल समाज | harsh_mander

देश की राजधानी दिल्ली विकट मानवीय त्रासदी के दौर से गुजर रही है. नफरत से उपजी हिंसा और इससे निपटने में सरकार-संस्थानों की नाकामी ने आम अवाम को हताश किया है. हजारों परिवारों के घर, व्यापार, उम्मीद और सपने इस दंगे में पूरी तरह तबाह हो गए हैं. ऐसे समय में राज्य सरकार की जवाबदेही क्या है?

सरकार बड़े पैमाने पर हिंसा फैलने की संभावना को भी इन उच्च अधिकारियों के सामने व्यक्त करती. जिलाधिकारियों से उनके जिले में हथियारों और भीड़ की आमद के बारे में जानकारी लेनी चाहिए थी. इसके साथ-साथ राज्य सरकार को पुलिस पर दबाव बनाना चाहिए था कि वह दंगाईयों के ऊपर कार्रवाई करे और स्थिति को न बिगड़ने दे. लेकिन, सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया.

इससे पीड़ितों के मनोबल और विश्वास में इजाफा होता है. बेशक इस काम में जोखिम है, लेकिन तबाही और विध्वंस के माहौल में शीर्ष नेतृत्व को इस जोखिम से नहीं बचना चाहिए.दंगे के बाद राज्य सरकार को प्राथमिकता के तौर पर बचाव कार्य के लिए जुट जाना चाहिए था. उत्तर-पूर्वी जिले में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर चुनिंदा बेहतरीन अधिकारियों को उसकी जिम्मेदारी देनी चाहिए थी. सोशल मीडिया के जरिए कंट्रोल रूम का नंबर व्यापक रूप से प्रसारित करना चाहिए था.

सबसे पहले हमें सुरक्षित जगहों की पहचान करनी होती है और फिर दंगा पीड़ितों को उस जगह पर ले आना होता है. जिस वक्त मैं सिविल सेवा में था, छोटे-छोटे शहरों में भी हम ऐसे सुरक्षित जगह तलाश लेते थे और उन्हें राहत शिविर में तब्दील करते थे. दंगे के कई दिनों बाद अब हमें जानकारी मिली है कि राज्य सरकार ने 9 शेल्टर होम को राहत शिविर बनाने का फैसला किया है. सरकार का यह कदम मुझे कई मायनों में भयभीत करता है.

दंगे में अपनी सारी संपत्ति गंवा चुके लोगों को एक किट दी जानी चाहिए जिसमें जरूरत के तमाम सामान जैसे कि कपड़े, सैनेटरी नेपकिन और बच्चों के लिए दूध उपलब्ध हों. दंगे का दंश झेल कर आए बच्चे उस सदमे से बाहर आ सकें, इसके लिए उनके मनोरंजन की व्यवस्था करना भी सरकार की जिम्मेदारी है.हर शिविर में पीड़ितों को क़ानूनी सहायता देने की व्यवस्था भी होनी चाहिए. इसके लिए प्रशिक्षित वकीलों के साथ लॉ के छात्रों की टीम हर कैंप में मौजूद हो.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

harsh_mander जो करना चाहिए दिल्ली सरकार और बीजेपी दोनो ही दंगे के तीन दिन बाद राजनीति करने आ गई थी

harsh_mander

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 3. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

यूपी: सीएए के विरोध में धरने में शामिल महिला की 43 दिन की बच्ची की मौतउत्तर प्रदेश के देवबंद में सीएए के विरोध में चल रहे महिलाओं के धरना प्रदर्शन में शामिल एक महिला की बच्ची की मौत हो गई ये खुद फटने को तैयार हैं तो,, Congratulations अरे और पैदा हो जाएंगे वैसे भी जनरल डिब्बा है यह लोग
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

दिल्ली दंगा: आईबी कर्मचारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के 51 निशान मिलेदिल्ली में हुए दंगे के दौरान मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके शरीर पर मिले चोट के निशान में चाकू से गोदे जाने के 12 निशान हैं. कम है ज्यादा होने चाइये थे, या ज्यादा है कम होने चाइये थे, कट्टर मुअलिम पोर्टल तेरा मकसद क्या है सबको समझ आता है Isko berahmi se kiya gaya hattya maante hai ki nahin? Kaun inko nyaya dega?Delhi Police? Only a commision of sitting SC judge will probe it .
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

दिल्ली हिंसा के दौरान यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं की आपबीतीदिल्ली हिंसा के दौरान यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं की आपबीती SexualHarrassment CrimeAgainstWomen SexualAssault ChandBagh Mustafabad DelhiViolence यौनउत्पीड़न यौनहिंसा चांदबाग दिल्लीहिंसा यौनशोषण महिलाओंकेखिलाफअपराध Shame on organisers of the protest of शाहीन बाग who planned Delhi Riots and did such inhuman act These extremist radical islamist are doing such blunder all over the world Bloody immature religion
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

क्या बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात नहीं सुनते बीजेपी के यह मंत्री?बिहार में यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जब से नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ एक बार फिर सरकार बनाई है, वो चाहे मुजफ्फरपुर इलाके में दिमागी बुखार से डेढ़ सौ से अधिक बच्चों की मौत हो या पटना में जलजमाव, उनकी फजीहत के पीछे किसी न किसी भाजपा के मंत्री की नाकामी रही है. बिहार में किसकी सरकार है.. 😂😂 Aisa ho skta h jb cm hi aisa h to kya Hoga 😜😜 RSS ke Under nitishkumar ji kam kar Rahe hai. RSS nitishkumar ke Under nahi hai . Isi liye sawal hi paida nahi hota hai ki Nitish ji ki bat koi BJP wale Sune
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

कोरोना के असर वाले भारत के 13 राज्यों का क्या है हाल?India News: भारत में जो कुल 83 मामले हैं उसमें 66 भारतीय और 17 विदेशी शामिल हैं। इसमें 10 ठीक हो चुके हैं और दो की मौत हो गई है। आइए जानते हैं कि कोरोना के असर वाले भारत के 13 राज्यों में क्या है हाल-
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की मौतIndia News: महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके सैंपल को लैब में भेजा गया है। अगर यह कोरोना वायरस का केस साबित होता है तो देश में इस खतरनाक वायरस से यह तीसरी मौत होगी। क्या हम इसे coronavirus से भारत मे तीसरी मौत मान ले या नही
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »