दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफुरा जरगर को जमानत दे दी है. सफुरा को दिल्ली पुलिस ने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई थी. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
सफुरा जरगर की जमानत अर्जी का केंद्र सरकार ने मानवीयता के आधार पर विरोध नहीं किया. सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य को सफूरा को जमानत पर रिहा किए जाने से कोई समस्या नहीं है. बशर्ते वह उन गतिविधियों में लिप्त न हो, जिनके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है. केंद्र की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 हजार रुपये के निजी मुचलके और कुछ अन्य शर्तों के व्यक्तिगत बांड पर सफुरा जरगर को जमानत दे दी है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सफुरा की जमानत अर्जी का विरोध किया था. सोमवार को हाई कोर्ट में पुलिस की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने स्टेटस रिपोर्ट दायर की है.
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सिर्फ गर्भवती होने की वजह से सफूरा ज़मानत की हक़दार नहीं हो सकतीं. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. हाालंकि, आज केंद्र सरकार की पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें मानवीयता के आधार पर जमानत देने पर आपत्ति नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने सफुरा जरगर को दिल्ली हिंसा को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है और उन्हें 25 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि सफूरा के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है, जिसमें दिल्ली दंगों में हुई हिंसा में 53 लोग ने अपनी जान गंवाई थी.
क्या ऐसा नहीं लगता कि कोर्ट कुछ अज्ञात कारणों से इनके प्रति ज़रुरत से ज्यादा नरम है ? एक प्रज्ञा ठाकुर का मामला था जिसमे बेचारी को कोई राहत नहीं थी कई साल तक बेल के मामले में , और वो कन्हैया भी खूब मज़े से खुला घूम रहा है , बड़ी निराशा होती है ये सब देख कर
I am not satisfied with our Indian Court Judgement😕 How could they leave such a criminal? By paying just 10000₹ you are all set for repeating such riots again. What a shameful democracy we have!😠😡😤😦😞😟😢😥☹️
Good decision of Delhi High Court
केंद्र का लापरवाह रवैया। इससे तो लोगो को बल मिलेगा के कुछ भी कर लो bail तो मिल ही जाएगी। और केस तो चलते ही रहते हैं सालों।
केन्द्र_सरकार_का_हाथ_दंगाईयों_के_साथ KapilMishra_IND
narendramodi AmitShah Shafoora पहले देविन्दर सिंह और अब शफूरा जरगर जब छोडना ही है तो पकड़ते क्यों हो। यदि केन्द्र की तैयारी इतनी अच्छी रही तो भारत में जेल की आवश्यकता ही नहीं पडेगी। नाम बड़े और दर्शन छोटे। 😡😡😡😡
दिल्ली दंगे के असली मुजरिम संघी आतंकवादी मिश्रा को गिरफ्तार करने के बजाए नागरिकता कानून के विरोधी को ग्रिफ्तार किया गया ये नाइंसाफी याद रक्खा जायेगा SafooraZargar को भी नागरिकता कानून का विरोध करने की वजह से ही जेल में डाला गया
jis trh kisi film m om puri 2.30 ghnte tk sbse ache politician k role m hota tha or last m pta chlta main gunda yhi h, pta nhi kyu aaj kl lgne lga h modi bhi aise hi niklega😔😔😔
Finally justice has come.... We r with SafooraZargar
हिंसा फैलाने का जुर्म अभी तक साबित नही हुआ और एक आतंकवादी देवेन्द्र को ऐसे ही छोड़ दिया गया। साफ फर्क दिखता है की पुलिस और प्रशासन BJP के सामने नतमस्तक है।
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