उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान घबराया, डरा हुआ और निराश है। उसने राजनीतिक दलों, नेताओं, पुलिस से उम्मीद छोड़ दी है। सुप्रीम कोर्ट में उम्मीद की अंतिम किरण दिखाई दे रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को कायम रखा तो यह देश की धर्मनिरपेक्षता पर अंतिम कील साबित होगा। दिग्विजय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया और कहा कि दिग्विजय सिंह का बयान भड़काने व उकसाने वाला...
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएए के खिलाफ जो आंदोलन चल रहा है, वह अब न तो राजनीतिक दलों के हाथ में रहा, न नेताओं के बस में रहा। आंदोलन छात्र, अल्पसंख्यक महिलाएं व बच्चे कर रहे हैं। उनमें व्याप्त रोष का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी-शाह की देशद्रोही व देशभक्त के अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग मायने हैं। डीएसपी देविंदर सिंह को ये लोग देशद्रोही नहीं मानते, जबकि उसने अफजल गुरु के माध्यम से संसद पर हमला करने वाले आतंकियों की सहायता की थी। मध्य प्रदेश में पैसा लेकर...
Pakistan aur Bangladesh ke musalmano ke citizenship ke liye itana protest..
'अक्ल सठिया जाना' is called he has lost his senses but beware of insanes they are dangerous needs asylum
Pehli keel Ram Mandir se Diigy ki gaand aadhi faad di, doosri se puri faad denge..digvijaya_28
He should not have doubted the judiciary.This is not an apropriate way to express dissent.
AB CONGRESS KO SUPREME COURT PER BHE VISHWAS NAHI H
Is this not a contempt of court or political leaders can say anything about court.
देश के लिए, हिन्दू के लिए, सबसे बड़ा बदनुमा दाग वाली कील तू है और तेरे जैसे नेता है, जो अपने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए किस हद्द तक जा सकते हो तुम्हे खुद नहीं मालूम। 🤫🤫🤫🤫
Digvijay is most communal and power hungry leader and he is not supposed to have capabilities to interpret the characteristics of Indian secularism.
कुछ दिन पहले ये संविधान बचाओ रैली कर रहे थे पर अब ये सुप्रीम कोर्ट को भी नही मानेंगे। सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में।
Kaun hai ye digvijaya_28 kahan se aaya hai. I mean ye yahi ka vasinda hai na..Bura mat maniye magar ye NRC aap jaise logo ke liye hi hai.. Or Humein khushi hogi agar woh log apne basta utha yaha se nikal jaye.
आजादी के बाद देश में प्रधानमंत्री पद के दो उम्मीदवार होने के कारण धर्म के आधार पर देश का बंटवारा क्या उचित था ? तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के दुष्परिणाम भीड़ तंत्र की आड़ में निहित स्वार्थ साधने की राजनीति के रूप में सामने है
अरे थूके हुए थूक दिग्विजय सिंह, वही आखिरी कील ही तो ठोकनी है ये मुल्ले अपने बाप का माल समझ लिये है हिन्दुस्तान को, Love day जो मर्जी आये करने लगे हैं क्योंकि इनको लगता है इनका अब्बा मुगलों का आज भी राज चलेगा ।। AbAooTumHaweliPe SidharthShukla BiggBoss13 CAA
जब सुप्रीमकोर्ट में फैसला इनके हिसाब से आए तो कोर्ट अच्छा नहीं तो उस पर उंगली उठाएंगे
Kahi congress ke kabra ki antim keel na dhuk jaye Diggi chacha
दिग्विजय सिंह और नसरुद्दीन शाह दो शरीर एक आत्मा है, दोनों जानते है कोई इनके स्टेटमेंट को गंभीरता से नही लेता,,
Dogle dalle nahi sudhrenge
सभी धर्मों को महिमामंडित करने वाली प्रथा को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहते। सार्वजनिक रूप से कोई भी धर्म और जाति नहीं हो तथा सभी पूजा स्थल घरों के अंदर बंद हो वही असली धर्मनिरपेक्षता है। 72 वर्षों में भारत सबसे महान देश होता।वोट की खातिर नेता सभी धर्मों और जातियों के तलवे चाटते रहे।
धर्मनिरपेक्षता पर नही, धर्म के दलालों की सियासत पर अंतिम कील। और इस कील को कोई नही रोक सकता अब। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को स्वतंत्र भारत और भारतीयों से दूर रखने वालो, कान खोलकर सुन लो।
Caa का धर्मनिरपेक्षता से क्या लेना देना
शाह ने एक चैनल पर साक्षात्कार के दौरान कहा: नागरिकता साबित करने के लिए Voter Id, पासपोर्ट और आधार कार्ड मान्य नहीं है। दिल्ली में वोट देने से पहले चुनाव आयोग बताए: देश के नागरिक जो अपनी सरकार वोट देकर चुनते है किस आधार पर वोट दें
अगर किसी भक्त को मोदी जी पर जरा सा भी यकीन हो तो मुझे 2 लाख उधार दे दो जैसे ही मोदी जी 15 लाख देंगे मैं दोगुना लौटा दूंगा।
क्यों ? संविधान पर अविश्वास है ? समान_नागरिकता है न लागु करवाओ !
digvijaya_28 intolerance increasing, hence get lost with your sasural Prestitutes ndtv PrannoyRoyNDTV
ये पगला गए लगता है (गुस्ताखी माफ)
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