मोदी सरकार 4 लाख टन अरहर दाल का आयात करेगी. अरहर दाल की कीमत में बढ़ोत्तरी के मद्देनज़र सरकार ने ये फ़ैसला किया है. सरकार ने अपने बफर स्टॉक से भी 2 लाख टन अरहर दाल खुले बाज़ार में जारी करने का फ़ैसला किया है.
अरहर दाल की लगातार बढ़ रही कीमत को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है. कीमत बेकाबू हो जाए इसके पहले ही सरकार ने इसे थामने की दिशा में क़दम उठाया है. आज शाम केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने खाद्य, उपभोक्ता मामले, कृषि और वाणिज्य मंत्रालय के सचिवों के साथ एक बैठक कर कुछ अहम फ़ैसले लिए हैं. इसमें दालों की बढ़ती कीमत पर चिंतित सरकार ने सम्बंधित मंत्रालयों के आला अधिकारियों के साथ इस मामले पर बैठक की. खाद्य, उपभोक्ता मामले, कृषि और वाणिज्य मंत्रालय के सचिव भी इस बैठक में मौजूद थे.
सरकार का आकलन है कि 2018-19 में दाल के उत्पादन में क़रीब 8 लाख टन की कमी आ सकती है जिसका असर इसके सप्लाई पर पड़ सकता है. इसमें अरहर दाल के उत्पादन में ही करीब 5 लाख टन की कमी की संभावना है. ऐसे में सरकार ने सप्लाई बनाए रखने के लिए अरहर दाल आयात करने का फ़ैसला लिया है. सरकार का दावा है कि चना, उड़द, मूंग और मसूर जैसी दाल की अन्य क़िस्मों के दाम नियंत्रण में हैं.
2017-18 में दाल का उत्पादन जहां 240 लाख टन हुआ था वहीं 2018-19 में इसका उत्पादन 232 लाख टन होने का अनुमान है. वहीं अरहर दाल का उत्पादन 40.2 लाख टन से गिरकर 35 लाख टन तक होने की संभावना है. बता दें कि अरहर दाल की क़ीमत 100 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच चुकी है. उधर सरकार ने दालों की कालाबाज़ारी और जमाखोरी के ख़िलाफ़ भी सख्त क़दम उठाने का निर्णय लिया है. खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि सरकार के पास दाल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है लेकिन कुछ जमाखोर दालों का कृत्रिम अभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. पासवान ने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
Bhakta gan kaha gaye bhai dekho is news ko daal to sasti thi kuch din pehle ab mehangi kaise ho gayi ....electoral bond me mila paisa sud samet vapas jo dena hain time aa gaya payment ka BhavikaKapoor5 rssurjewala
Jee baat ...desh ki hi dal videsh bhej kar import karegi india fyda kisko bujho to jaane ..arey wahi mota bhai ke dost BhavikaKapoor5 rssurjewala
Playing futures game. Guess Adani already invested to import. Raise price locally, then get govt contract to import and sell at higher price. Local farmers fked, public fleeced.
इसलिए तो महंगी की गई थी दाल
दाल की जरूरत नहीं हैं, पकोड़े खायें
गाय भैसिया बैल छोड़ छोड़ कर अपने देश के किसान को मिट्टी मे मिला रहे हैं😡😡दाल दूसरे देशों से खरीद कर उनके किसानों को मालामाल कर रहे है😡और अपनी जेब भरो कमीशन स
बकवास मिडिया.... दाल के भाव कानगरेस के कारण......
जब इंपोर्ट ही करना था तो किरकिरी क्यों कराई सरकार ने अपनी मंत्रालय को पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था।
चलो किसानों, इस साल भी सरकार आपने मूँह पर पान पोछनेवाली है!
Bhaw bdhaya hi Aayatt suvidha pane ko?
लेकिन दाल तो मान नही रहा है वह तो महंगाई से सगाई करने की जिद्द पर अड़ा है । क्या डाल से महंगाई को सरकार तलाक तलाक तलाक कहवा पाएगी ? पुराना अनुभव तो बड़ा बूरा है
दाल में काला करने की जुगत।
राहुल गांधी काग्रेस को भेज दिया करो देश की जनता को महंगाई नही लगती बस राहुल गांधी परिवार काग्रेस को लगता है
Hamare desh k liye garv ki baat nhi hai k ham daal dusre desh se Le rahe.
लेकिन दाल तो माँ नही रहा है । वह तो महंगाई से सगाई करने की जिद्द पर अड़ा है ।
घर घर मोदी
HAR HAR MODI
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