तीन IPS अधिकारियों पर ममता और मोदी सरकार में ठनी, लेकिन क्या कहते हैं नियम?

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केंद्र और बंगाल सरकार के बीच छिड़ी 'जंग'! (Rahulshrivstv )

सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सूचित किया गया है कि तीनों अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दे दी गई है. ये तीनों अधिकारी हैं: राजीव मिश्रा, एडीजी, दक्षिण बंगाल; भोलानाथ पांडे, एसपी, डायमंड हार्बर; और प्रवीण त्रिपाठी, डीआईजी, प्रेसीडेंसी रेंज.

सीएम ममता बनर्जी ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"राज्य की आपत्ति के बावजूद, पश्चिम बंगाल के तीन सेवारत IPS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्र सरकार का आदेश, IPS कैडर रूल 1954 के एमरजेंसी प्रावधानों और पॉवर का घोर दुरुपयोग है." पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के सदस्य डीएन श्रीवास्तव कहते हैं,"IPS कैडर की नियुक्ति का प्राधिकारी भारत का राष्ट्रपति है. ये अधिकारी राज्यों में केंद्र की ओर से 'भेजे' जाते हैं और केंद्र का फैसला अंतिम है."

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को उसके सहयोगी डीएमके के कारण यह सख्त निर्णय लेना पड़ा था. डीएमके की उस समय मुख्यमंत्री जे जय​ललिता से ठनी हुई थी. डीएमके का दावा था कि 30 जून को डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के ओलिवर रोड, चेन्नई स्थित आवास पर देर रात जो हमला हुआ उसमें ये तीनों अधिकारी मुख्यमंत्री जयललिता के आदेश पर संलिप्त थे.

 

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