मुंबई की भाषा में उन्हें ‘खड़ूस’ कहा जाता है यानी वह आम तौर पर अपने जज्बात जाहिर नहीं करते, लेकिन भारत की युवा टीम की आस्ट्रेलिया पर शानदार जीत के बाद रवि शास्त्री भी अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके। भारत की अंडर 25 टीम के 22 वर्षीय कप्तान के रूप में 1984 में शास्त्री ने टीम मैनेजर को मोहम्मद अजहरूद्दीन को उनके दादा की सेहत नासाज होने के बारे में बताने नहीं दिया था क्योंकि अजहर उस समय भारतीय टीम में जगह बनाने की दहलीज पर थे और शास्त्री नहीं चाहते थे कि मैच छोड़कर वह यह मौका गंवाए। वही शास्त्री...
com/1NJYGTdPEk — Sonia ~SidHeart~ #CSK January 19, 2021 शास्त्री ने कहा ,‘‘मैं भावुक हो गया। आम तौर पर मेरी आंख में आंसू नहीं आते लेकिन मैं भी भावुक हो गया। मेरी आंखें भर आई क्योंकि यह अवास्तविक था। इन लड़कों ने जो किया, वह इतिहास में सबसे शानदार जीत में से एक के रूप में दर्ज हो जाएगा । कोरोना काल, खिलाड़ियों की चोटें और 36 रन पर आउट होने के बाद ऐसा प्रदर्शन।’’ खिलाड़ियों को सारी सुर्खियां मिलने से क्या उन्हें लगता है कि श्रेय नहीं मिला, यह पूछने पर उन्होंने कहा,‘‘कोच का काम होता है लड़कों को...
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