- फोटो : Amar Ujalaडोनाल्ड ट्रंप मोटेरा स्टेडियम में इससे अधिक और क्या कह सकते थे? दूसरे कार्यकाल के लिए अभी उनका इम्तिहान बाकी है। उनके अपने मुल्क में गुजराती मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। पाकिस्तानी भी कम नहीं हैं। इसलिए किसी को नाराज करने के इरादे से तो वे यकीनन नहीं आए थे। न ही वे सिर्फ ताजमहल का दीदार करने वे आए थे।
एक के बाद एक उन्होंने भारत को लगातार कारोबारी झटके दिए हैं। इसके अलावा अनेक सार्वजनिक अवसरों पर इस देश का उपहास भी उड़ाने से नहीं चूके हैं। अफगानिस्तान में भारत ने पुस्तकालय बनाया तो उसकी खिल्ली उड़ाने से वे नहीं चूके थे। इसके बाद साल भर वे तालिबान से पाकिस्तान को साथ लेकर गुपचुप बात करते रहे। इसके बाद भी वे हैरत में डालने वाला बयान देते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें काफी पसंद हैं लेकिन वे इस बात से खफा हैं कि हिंदुस्तान ने अमेरिका के साथ कभी अच्छा बरताव नहीं किया। इसलिए वे अपनी भारत यात्रा के दौरान कोई बड़ा कारोबारी करार नहीं करेंगे।
कश्मीर समस्या को भारत के कलेजे की फांस बनाने का काम हरदम अमेरिका ने किया है। पाकिस्तान के फौजी तानाशाह जनरल अयूब के जमाने से ही वर्षों तक अमेरिका पाकिस्तान को खुल्लमखुल्ला मदद करता रहा है। उसने ही आठ सौ अरब रूपए का फौजी साजो सामान पाकिस्तान को साठ-पैंसठ साल पहले उपलब्ध कराया और पाकिस्तान में अपने सैनिक अड्डे की जमीन तैयार करता रहा।
डोनाल्ड ट्रंप मोटेरा स्टेडियम में इससे अधिक और क्या कह सकते थे? दूसरे कार्यकाल के लिए अभी उनका इम्तिहान बाकी है। उनके अपने मुल्क में गुजराती मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। पाकिस्तानी भी कम नहीं हैं। इसलिए किसी को नाराज करने के इरादे से तो वे यकीनन नहीं आए थे। न ही वे सिर्फ ताजमहल का दीदार करने वे आए थे।उनकी यात्रा सियासी अधिक, कूटनीतिक या कारोबारी कम है। फिर भी कहने में कोई हिचक नहीं कि अब हिंदुस्तान के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए अग्निपरीक्षा का अवसर है। उसे हिंदुस्तान के प्रति अब तक की...
भारत को इससे दूर रखा गया, जबकि भारत की अफगानिस्तान में भूमिका का मतलब अमेरिका अच्छी तरह समझता है। और प्रसंग के तौर पर स्मरण करना उचित होगा कि अमेरिका और पाकिस्तान ही तालिबान के जनक हैं। एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के साथ अपने सैनिक सहयोग की चर्चा करते हैं तो दूसरी तरफ वे पाकिस्तान की सेना को भी प्रशिक्षण देने पर सहमति जताते हैं।
narendramodi realDonaldTrump POTUS PMOIndia FinMinIndia HMOIndia DefenceMinIndia भारत के विपक्षी नेता तो नापाक पर विश्वास करते आ रहे हैं तो अमेरिकन राष्ट्रपति पर क्यों न विश्वास किया जाये जो भारत को आतंकवाद से लड़ने मे सहायता कर रहा है।
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narendramodi realDonaldTrump POTUS PMOIndia FinMinIndia HMOIndia DefenceMinIndia अमर उजाला पर कितना भरोसा करना चाहिए ?
narendramodi realDonaldTrump POTUS PMOIndia FinMinIndia HMOIndia DefenceMinIndia यह तो अभी ट्रेलर था।पिक्चर तो अभी बाकी है।
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