डेरों के बनने और पनपने की असली वजह क्या है, हरियाणा-पंजाब में क्यों फैला है इनका जाल?– News18 हिंदी

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जानिए कैसे और क्यों बनते हैं डेरे.. prakashnw18

 

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नागरिकता विधेयक: क्यों बरपा है पूर्वोत्तर में हंगामानया विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है। यह विधेयक कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा। भाजपा ने 2014 के चुनाव में इसका वादा किया था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। विपक्षी पाटिर्यों के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट में असहमति जताई है। भाजपा की सहयोगी, शिवसेना और जद (एकी) भी इसके विरोध में हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

चीन चांद पर क्यों ले जा रहा है आलू और रेशम के कीड़े?– News18 हिंदीChina plans to grow flowers and silkworms on the dark side of the moon, News in Hindi, Hindi News, चीन अपने स्पेस प्रोग्राम को चीन दुनिया में उसकी बढ़ती ताकत के एक प्रतीक के रूप में देखता है. कही आलू से सोना बनाने वाली मशीन की रिसर्च तो नही चल रही ।।😎😜😜😜 Aloo se sona banane ki machine vaha rakhi hogi.pappude ko bhi saath bhej do. साथ में राहुल गांधी को भी ले जाओ, आलू से सोना तो वही बनाना सिखाएंगे
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »

Pongal 2019: जानिए- क्यों और कैसे मनाया जाता है पोंगल का त्योहार?Pongal  का त्योहार तमिलनाडु का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. आइए जानते हैं इस त्योहार का जश्न कितने दिनों तक और किस तरह से मनाया जाता है.
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

जानें क्यों निजी क्षेत्र के कॉलेजों में गरीब सवर्णो के लिए आरक्षण लागू करना मुश्किल हैगरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने वाला गुजरात पहला राज्य बन गया है. कई और बीजेपी शासित राज्य जल्द इसका एलान कर सकते हैं. इस कानून के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. लेकिन इस आरक्षण का एक सबसे अहम पहलू निजी क्षेत्र के कॉलेजों में सवर्णो के लिए आरक्षण है. It can be possible by changing policy of Bank loan and students of such economic weaker sections must be benefitted for study caresult एक देश में कई देश हैं यहां।
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »

2019 : पाठ दोबिना किसी बड़े आंदोलन, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के भारतीय संसद ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण के विधेयक को पास कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले का ठीकरा फोड़ा गया तीन राज्यों में भाजपा की हार पर, लेकिन राजद और दक्षिण भारत के कुछ दल छोड़ सभी इस फैसले के साथ खड़े हुए। वह कांग्रेस भी साथ थी, जिसे हिंदी के तीन हृदय प्रदेशों में जीत मिली थी। माकपा जैसे वाम दल ने संसद में इस आरक्षण को वोट दे बाहर आकर बस अलग सा प्रेस नोट ही जारी किया। विरोध के दो ही बिंदु एक तो ऐन लोकसभा चुनाव और शीतकालीन सत्र के अंतिम समय में इसे लाने की अवधि और गरीबी के दायरे में आने वाली आठ लाख से कम सालाना आमदनी की सीमा है। आम चुनावों के पहले साल के दूसरे हफ्ते का पाठ यही है कि रोजगार का संकट सब समझ रहे और समाधान किसी के पास नहीं। समस्या और समाधान के बीच आरक्षण के मरहम पर बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

हल्ला बोल: बढ़ता कुनबा, बढ़ती BJP की चुनौतियां? Halla Bol: Tejashwi Yadav meeting with Mayawati decoded! - Halla Bol AajTakमायावती और अखिलेश यादव साथ आए तो तेजस्वी भी पटना से लखनऊ पहुंच गए. लालू के छोटे बेटे ने बहन जी के पैर छूकर आशीर्वाद लिए और कहा कि जन्मदिन की बधाई देने आया था. उसके बाद तेजस्वी अखिलेश से भी मिले और फिर दोनों ने साथ बैठकर बड़े बड़े दावे किए और बीजेपी को बड़ी बड़ी चुनौतियां दी. अब सवाल... ये कि आखिर इस मुलाकात का मतलब क्या है.  क्या साथ मिलकर यूपी और बिहार को लूटने की तैयारी है. सियासी गठबंधन भी अजीब खेल है. यूपी में अखिलेश और मायावती ने कांग्रेस को बाहर छोड़ दिया. तेजस्वी अखिलेश और मायावती से हाथ मिला आए.  वहीं बिहार में तेजस्वी कांग्रेस के साथ खड़े हैं. समीकरण ऐसा है कि जितना समझने की कोशिश कीजिएगा. उतना ही उलझते जाइएगा. यूपी में मुलायम के भाई और अखिलेश के चाचा ने अलग पार्टी बना ली और अब दुश्न के दुश्मन य़ानी कांग्रेस को दोस्त बनाने के लिए तैयार हैं. anjanaomkashyap Hindustan pakistan Hindu muslim Madir mazid Reservation Koi or topic hai toh bta do aaj tak fake news channels walo anjanaomkashyap संजय अग्रवाल क्या राहुल का जूठा खा लिए हो या मूत्र पिये हो।
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

बीजेपी गठबंधनों के लिए तैयार है, पुराने मित्रों के साथ दोस्ती निभाती है : पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा, 'बीस साल पहले दूरदर्शी नेता अटलजी भारतीय राजनीति में नई संस्कृति लाए थे जो कि सफल गठबंधन राजनीति की संस्कृति थी. उन्होंने क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सर्वाधिक महत्व दिया...अटलजी ने जो रास्ता हमें दिखाया था बीजेपी उसी पर चल रही है.' Darr na sharma ji jaise ko taisa.. Good .
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »

जाटों के सबसे बड़े नेता के वारिस एक-एक सीट के लिए क्यों तरसे?अजित सिंह को आख़िर गठबंधन में तीन सीटें पाने के लिए क्यों इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है. बुआ के गोद में बैठने से नाराज होकर बोले आज़म अखिलेश में शर्म हया नाम की चीज़ नहीं हैं.। बसपा से हाथ मिलाने से अच्छा था, अखिलेश घर बैठते! थाली में गंदगी डालकर ऊपर चाँदी का वर्क लगाकर परोसने के समान बसपा को वोट देने से अच्छा है सीधे (भाजपा) मोदी को वोट दो। - आजम खा yadavakhilesh ये वारिश है नेता नही।बसियत अपने घर मे चलती है।मुश्किल है कि इन्होंने गलती से देश को ही अपना रियासत समझ लिया है। Sabka time hota hai. 😊
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

शाह का महागठबंधन पर हमला, बताया- ढकोसला; PM को लेकर कही ये बातराष्ट्रीय अधिवेशन में बोले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह- गठबंधन महज ढकोसला है, मोदी जैसी लोकप्रियता किसी के पास नहीं-
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

गठबंधन के लिए बीजेपी तैयार, पुराने मित्रों के साथ दोस्ती निभाती है- पीएम मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी गठबंधन करने के लिए तैयार है और वह अपने पुराने मित्रों के साथ दोस्ती निभाते हुए चलती है. इसी के साथ उन्होंने इस बात के संकेत दे दिए कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तमिलनाडु में एनडीए को मजबूत करना चाहती है. तमिलनाडु में पांच जिलों के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में उन्होंने नब्बे के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई सफल गठबंधन राजनीति को याद किया और कहा कि बीजेपी के दरवाजे हमेशा खुले हैं. BJP4India narendramodi कहां गये वो लोग चो कहते थे एक अकेला मोदी बाकी सब एक साथ हो गये 😂 BJP4India narendramodi डुबता नाव पर कोई सवार नही होता है। BJP4India narendramodi कैसी दोस्ती निभ रही है यह तो सहयोगी दलो के रोज़ के बयानों से साफ़ प्रतीत हो ही रहा है।।।
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »