और मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करें। कोर्ट ने इस प्रवृत्ति पर कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'महिलाएं आनंद की वस्तु है' इस पुरुष वर्चस्व वादी मानसिकता से सख्ती से निपटना जरूरी है ताकि महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा हो और लैंगिक असमानता को दूर करने के संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
इसलिए विधायिका के लिए आवश्यक है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए स्पष्ट और विशेष कानूनी ढांचा तैयार करें जहां अपराधी विवाह का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाते हैं। खासकर एक बार ही यौन संबंध बनाने के मामलों में या कम समय के लिए संबंध बनाने के मामलों में। कोर्ट ने कहा कि जब तक ऐसा कानून नहीं बन जाता अदालतों को सामाजिक वास्तविकता और मानवीय जीवन की आवश्यकता को देखते हुए ऐसी महिलाओं को संरक्षण देना जारी रखना चाहिए जो कि शादी के झूठे वादे के कारण प्रताड़ित हुई है। या जहां परिस्थितियां ऐसा दर्शा रही हैं कि...
जब पीड़िता ट्रेन से कानपुर जा रही थी तो आरोपी ने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की और कोर्ट मैरिज के दस्तावेज तैयार करने की बात कहकर उसे होटल में बुलाया। पीड़िता होटल पहुंची तो आरोपी ने उससे यौन संबंध बनाए। यह उन दोनों के बीच पहला और आखरी यौन संबंध था। यौन संबंध बनाने के तुरंत बाद आरोपी ने शादी करने से न सिर्फ इनकार कर दिया बल्कि पीड़िता को गालियां दी और जातिसूचक अपशब्द कहे। जमानत प्रार्थना पत्र में या कहीं भी नहीं कहा गया है कि अभियुक्त अभी भी उससे विवाह करने का इच्छुक...
देश की बहुसंख्यक महिला आबादी में शादी एक बड़ा प्रमोशन होता है और वे आसानी से इन परिस्थितियों का शिकार हो जाती है जो उनके यौन उत्पीड़न का कारण बनता है। इस तरह के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। क्योंकि अपराधी समझता है कि वह कानून का फायदा उठाकर दंड से बच जाएगा। कोर्ट ने कहा कि झूठा वादा कर यौन संबंध बनाने की प्रवृत्ति को गलत तथ्यों के आधार पर ली गई सहमति माना जाना चाहिए और इसे दुष्कर्म की श्रेणी का अपराध माना जाए। ऐसे मामलों में अदालते मूक दर्शक नहीं बन सकती हैं और उन लोगों को लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है जो मासूम लड़कियों का उत्पीड़न करते हैं और उनके साथ यौन संबंध बनाते हैं।
ये सही बात है।भगवान ने स्त्री पुरुष को एक दूसरे का पूरक बनाया है बराबर नही।तभी तो पति अगर स्त्री आनंद नही देती तो गृहस्थी चलती ही कैसे।जेंडर एक्विलटी के नाम पर महिलाओं को चने के झाड़ पर जबरदस्ती चढ़ाया जा रहा है और पुरुषों को पेटीकोट पहना कर घुमाया जा रहा है
क्या अमर उजाला अपनी ट्वीट पर कायम है की ओला ड्राइवर ने महिला को पीट दिया🤔
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