तंत्र की लापरवाही की वजह से 40 साल इंतजार करना पड़ा। अंत में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे न्याय मिला। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही राज्य सरकार को महिला को दस प्रतिशत ब्याज के साथ पेंशन देने का मंगलवार को आदेश दिया।
पेंशन के लिए लगभग 40 वर्ष से भटक रही महिला जसुमति पिंगुआ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रार्थी के अधिवक्ता शादाब बिन हक ने पीठ को बताया कि प्रार्थी के आवेदन के बाद भी सरकार की ओर से उन्हें पेंशन नहीं दी गई। अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के एसके मस्तान मामले में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन का दावा देर से करने के कारण पेंशन नहीं देना नियम के खिलाफ है। अदालत ने माना कि दावा देर से करने पर किसी की पेंशन नहीं रोकी जा सकती...
तंत्र की लापरवाही की वजह से 40 साल इंतजार करना पड़ा। अंत में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे न्याय मिला। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही राज्य सरकार को महिला को दस प्रतिशत ब्याज के साथ पेंशन देने का मंगलवार को आदेश दिया।न्यायमूर्ति डॉ.
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