झारखंड के अन्न दाता गंभीर संकट के दौर से गुजर रहे हैं. करीब 1 लाख किसानों के समक्ष आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है. कर्जमाफी के इंतजार में किसान डिफॉल्टर हो गए हैं. राज्य के किसान सरकार से जल्द से जल्द कर्जमाफी की गुहार लगा रहे हैं.
कोरोना के इस काल में राज्य के किसान भारी मुसीबत में हैं. कर्जमाफी के राजनीतिक वायदे बीच राज्य के पांच लाख किसान डिफॉल्टर हो गए हैं. दरअसल किसान इस आस में बैंकों को ब्याज नहीं दे रहे थे कि सरकार उनका कर्ज माफ कर देगी. विधानसभा चुनाव में गठबंधन दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी की बात कही थी. लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है.
झारखंड के किसान कृषि लोन लेने में तो आगे हैं लेकिन लोन के पैसे चुकाने में वे आगे नहीं आ रहे. इसी वजह से बैंकों पर भी वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया है. कृषि ऋण नहीं चुकाने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है. सरकार की तीन योजना PMEGP, KCC और PMMY के 5 लाख 43 हजार अकाउंट होल्डरों पर लगभग 3 हजार करोड़ का NPA हो गया है.बता दें, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 8388 अकाउंट होल्डर हैं. इसमें 142.17 करोड़ NPA हो गया. यह कुल बकाया का 40.34 फीसदी है.
एक किसान राजेश कुमार महतो ने कहा, ''खेतीबाड़ी करने के लिए KCC लोन लिया था. सरकार ने घोषणा की थी कर्जमाफी की. इसी इंतजार में हमलोग बैंक में ब्याज नहीं दे पा रहे हैं और डिफॉल्टर हो गए.'' निर्मल मुंडा नाम के एक किसान ने कहा कि अपना और अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कृषि लोन लिए थे, पैसा नहीं इकठ्ठा कर पा रहे हैं कि बैंक का ब्याज दे पाएं. कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है.फिलहाल 19 लाख किसानों ने अलग-अलग बैंकों से कृषि लोन ले रखे हैं.
मार्च में पेश हुए राज्य सरकार के बजट में कृषि ऋण माफी के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 50 हजार रुपये तक के कृषि ऋण को माफी करने की घोषणा भी की थी, अब देखने वाली बात होगी की चुनावी घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा कबतक धरातल पर उतरती है.
Dhyaan dene ka or kuch karne ka tym h modi ji...they believe in u sir..🙏 narendramodi PMOIndia BJP4India kisan agricultureisourfirstneed
Mera Bharat mahan YpssSpeaksForIndia
Gov. Ko inki help krni chahiy
Modi raj mai yahi sab hoga...
यह दशा दिशा कमोवेश सम्पूर्ण देश मे हैलघु सीमान्त किसान उसे वेचकर खाने या आत्महत्या के लिऐ मजबूर है केसीसी के शर्ते उसी किसान के लिऐ है जो किसान +व्यवपारी या नौकरी पेशागतहै खेतिहर मजदूर मजदूर होरहाहै।
अरे दलालो आसाम_और_बिहार की बाड़ से प्रभावीत हुए लोगों को भी मदत पहुच वा दो
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