TWITTER/RUTH RICHARDSON
इस पूरे मामले की शुरुआत 20 डॉलर के जाली नोट के इस्तेमाल की रिपोर्ट से हुई थी. 25 मई के शाम को जॉर्ज ने एक किराने की दुकान से सिगरेट खरीदा था. थॉमस लेन का कहना है कि वो जाली नोट के इस्तेमाल को लेकर जॉर्ज को गिरफ़्तार कर रहे थे लेकिन जॉर्ज इसका विरोध कर रहे थे.रिपोर्ट के मुताबिक जॉर्ज ज़मीन पर गिर गए और पुलिस को कहने लगे कि उन्हें क्लॉस्टेरोफोबिया की समस्या है. तभी वहाँ डेरेक पहुँचते हैं. वो और दूसरे पुलिस अधिकारी जॉर्ज को पुलिस कार में बिठाने की कोशिश करते हैं.
इस दौरान जॉर्ज कह रहे थे कि मुझे सांस नहीं आ रही है. वो अपनी मां का वास्ता दे रहे थे और ख़ुद को छोड़ने की गुहार लगा रहे थे.इमेज कॉपीरइटइसमें से करीब छह मिनट तक जॉर्ज शांत पड़े रहे थे. वीडियो में दिख रहा है कि पास से गुजरने वाले लोगों ने जॉर्ज को शांत पड़ा देखकर पुलिस वालों से उनके नब्ज की पड़ताल करने को कहा.
पूर्व में हुई कई घटनाओं से पता चलता है कि अमेरिका में काले गोरे का भेद हमेशा से ही रहा है, अमेरिकी के उस नाबालिग काले बच्चे का केस याद आता है जिसे अधूरी सुनवाई के बाद फांसी दे दी गई थी।
I_am_Anil_Tyagi हर जगह तानाशाही चल रही है ।ताकतवर आदमी कमजोर आदमी को दबा रहा है।
It is very easy to be critic of contrasting views of Gandhi and Shankaracharya but it is difficult to find the truth.
America is burning in election time . It is effect of famous modi's formula
Biased BBC News
पर हम ये भी नहीं कह सकते कि इसने गलती नहीं की होगी,पुलिस भी जब अति हो जाती है तब ही कड़क एक्शन लेती है
आज भी ऐसी घटना बहुत ही दुखदाई है
हमारे यहाँ तो पहलू खान हाफ़िज जुनैद, अख्लाक, तबरेज, रकबर जैसे कई सौ लोगों का शहीद कर दिया गया लेकिन सब सननाटा सा है
अमेरिका , घमंडीओं और चूतीयों का देश।
Hang that police man immediately
अरे दोगलो अपने देश मे जिहादियो पर चुप रहते हो अमरीका ऐसे ही पेलेगा कुछ नही उखाड़ पाओगे
Prestitute.
Black ko black likho na hindi me
'काले' आप को ऐसे post डालने से बचना चाहिए।
इसमें पुलिस की गलती तो है लेकिन डायरेक्ट और इनडायरेक्ट बीबीसी सीएनएन जैसी न्यूज़ चैनल का बहुत बड़ा हाथ है दंगा फैलाने में
भारत में मनुवाद और अमरीका में नस्लवाद को मौजूदा दौर में सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। वर्तमान सत्ताधारी खतरनाक मानसिकता वाले लोग हैं, जिन्हें मानवीय संवेदनाओं और मूल्यों का एहसास नहीं होता है। BlackLivesMatter मनुवादी_मानसिकता
Ye galat bat h kisi ko bhi bina kisi sabut ke aise nhi krna chahiye
तिल का ताड बनाना तो कोई बीबीसी से सीखे।
Aisa to hamare yaha har hafte hota hai
अमेरिका पुलिस ने किस तरीके से मानवाधिकार का उल्लंघन किया है आप देख सकते हैं
वहा के कुछ अश्वेत गुडों जैसा वर्ताव करते है। सभी जो मालूम है।
बीबीसी अपने रिपोर्ट मे लिखा की 8:46 तक गर्दन दबा कर रखी फिर तुमने दोबारा लिखा की 8:27 तक मतलब खुद कन्फर्म नही हो
पुलिसकर्मियों की भूमिका नितांत निंदनीय थी, मगर जिसने अमेरिका देखा है वह इस बात से भी भली भांति वाकिफ होगा कि अफ्रीका मूल के अश्वेत लोग कानून को बहुत हल्के मे लेते हैं।
Next time choose your leader wisely!
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