वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने अपनी पुरानी यादें साझा की हैं. उन्होंने अरुण जेटली के कानून और वित्त मंत्री रहते किए गए कामों को याद किया और उनके साथ बिताए गए पलों के बारे में भी बताया. भूपेंद्र ने बताया कि अरुण जेटली का मिलनसार स्वभाव कभी भूलाया नहीं जा सकता. अपने जीवन के अंतिम समय में बीमारी से जूझते हुए उन्होंने कभी इसे महसूस नहीं होने दिया. वे लगातार सक्रिय रहे. उनका कद बहुत बड़ा था, किंतु उनका हृदय उतना ही सरल.
लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों में उनका अटूट विश्वास इसी से पता चलता है कि आपातकाल के विरुद्ध उन्होंने देश के सबसे बड़े छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया. इस संघर्ष के दौरान वे जेल भी गए और वहीं से उन्होंने वकालत की परीक्षा भी दी. उनके जीवन का यह संघर्षपूर्ण किंतु महत्वपूर्ण पड़ाव दिखाता है कि वे कैसी अद्भुत मेधाशक्ति से संपन्न व्यक्ति थे. निर्विवाद है कि उन्होंने वकालत के दौरान कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
संविधान तथा कानून का गहन अध्ययन रखने वाले अरुण जेटली नए विचारों के प्रति सदैव उदार रहे. यदि उन्हें कोई सुझाव दिया जाता तो उसको भी वे बड़े ह्रदय से स्वीकार करते थे. संसद में एक कुशल व सफल सांसद के रूप में उनका लंबा कार्यकाल रहा है. वे सर्वश्रेष्ठ सांसद भी रहे. मित्रों के सुख-दुख और समस्याओं में काम आना अरुण जेटली के स्वभाव की विशेषता थी.
विविध विषयों पर ब्लॉग लिखना, सोशल मीडिया के उपयोग से संवाद कायम करना, सामाजिक विषयों की जानकारी देना, जटिल कानूनी विषयों को सरल ढंग से लोगों को समझाना अरुण जेटली के संवादप्रिय व्यक्तित्व को रेखांकित करने वाला पक्ष है. उनके साथ काम करने का जब भी अवसर मिला, तो कभी भी ऐसा नहीं लगा कि इतने बड़े व्यक्तित्व के साथ काम कर रहे हैं. इसके पीछे उनकी सहजता ही कारण थी. कभी कोई गलती अगर उनकी नजर में आती तो उसे बताने के साथ-साथ सुधारने का अवसर भी देते थे.
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