जेएनयू के छात्र क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन

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JNU के छात्र क्यों सड़क पर उतरे हैं, बढ़ी फ़ीस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

यूनिवर्सिटी के नए नियमों के मुताबिक़ हॉस्टल फ़ीस में भारी भरकम बदलाव किया गया है. प्रशासन का कहना है कि पिछले 14 सालों से हॉस्टल के फ़ीस स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं किया गया था.

पहले डबल सीटर कमरे का किराया 10 रुपये थी जिसे बढ़ा कर 300 रुपये प्रति माह किया गया. वहीं सिंगल सीटर कमरे का किराया 20 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये रखा गया है.रात 11 बजे या अधिकतम 11.30 बजे के बाद छात्रों को अपने हॉस्टल के भीतर रहना होगा और बाहर नहीं निकल सकेंगे. अगर कोई अपने हॉस्टल के अलावा किसी अन्य हॉस्टल या कैंपस में पाया जाता है तो उसे हॉस्टल से निकाला जाएगा.

इसके अलावा नए मैनुअल में ये भी लिखा गया है कि लोगों को डाइनिंग हॉल में ''उचित कपड़े'' पहन कर आना होगा. छात्रों का पूछना है कि 'उचित कपड़े' की परिभाषा क्या है. हालांकि विश्व विद्यालय प्रशासन का कहना है कि ये नियम पहले से जारी था. इसे केवल दोहराया गया है बदलाव नहीं किया गया.एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि हम पिछले 15 दिनों से फ़ीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं.

एक अन्य छात्र ने कहा, ''यहां बेरहमी से छात्रों को नियंत्रित किया जा रहा है. हमारे शरीर पर खरोचें हैं. हमारे वीसी हमसे कैंपस में तो मिलते नहीं हैं लेकिन यहां दीक्षांत समारोह में वो ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जेएनयू में सबकुछ बहुत अच्छा है. हम इसलिए यहां उनसे मिलकर अपनी बात रखने आए हैं. हमारी आसान सी मांगे हैं आप यूनिवर्सिटी में नहीं मिलते तो जहां मिलेंगे वहीं हम अपनी बात रखने आए हैं.

 

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I_am_Anil_Tyagi शिक्षा पर भार डाल कर, छात्रों की फीस बढाकर हो पायेगी मंदी दूर?

इन सालों को गोली मारो ।

होगा कोई नया देश विरोधी एजेंडा।।

Mat pado. Gar par jao fir

क्या यही आपकी चिंता का विषय है?

Inko chaye pilao

अगर पहले और अभी के फी की बात करें तो मेस बिल और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छात्रों को बस बिजली और सफाई का बिल देने कहा गया। इसके विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन को वामपंथी छात्र नेता हिंसक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। jnuprotest

इनकी ख्वाहिश है कि इन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाए ताकि यह लोग मीडिया में सुर्खियां बटोर सके परंतु यह सरकार सूतियों की सरकार नहीं है।

१० रुपए प्रति आदमी का किराया महीने का, वह भी खास दिल्ली के अंदर, yeh मज़ाक नहीं तो क्या🤡

Ye desh ki maujudgi sarkar education ko barbad karni par lagi hue hai

Education with morality is birth right to make India strong but presently immoral money minded education is making Neerav Modi, Scandalous Leaders, etc.

जेएनयू को ५ साल बंध कर के सभी छात्रों को अपने गाव भेज देना चाहिए ( अगर किसीने फिस भरी हो तो वापस करदे) क्योंकि वो अब आतंकी की फैक्ट्री बन गई है

BBC will contribute difference of the fee..

बहुत सही मंहगाई की मार अब की बार मोदी सरकार ।

20rs/month se bada kr 600rs/month kr di islye... saalo...yha hum 5000rs/month de rhe he or inko 600rs dene me jor aar ha he lagbhag free ka khaane ki adat pd gayi he....

सहृदय_आभार_Modi_जी यहा से इकॉनॉमि मे नोबेल जितने वाले पढे थे..

Ye tukde tukde gang hae jo 10-15 sal se govt ke pese se waha rah ke rst me ayiyashi krte hae twetter/fb per desh ke khilaf nafrat failate hae aur bhrat tere tukde hoge wsle nara ke janmdata hae police inko inke asli anjam tak pahuchaye

Maaro inko fees inki andr ghuss jayegi

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