जूते-कपड़े अगले साल से हो सकते हैं महंगे: जीएसटी परिषद का फैसला, एक जनवरी से बदलेगा इनवर्टेड शुल्क ढांचा

  • 📰 Amar Ujala
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 14%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

जूते-कपड़े अगले साल से हो सकते हैं महंगे: जीएसटी परिषद का फैसला, एक जनवरी से बदलेगा इनवर्टेड शुल्क ढांचा GST GSTCouncil GSTCouncilMeeting FinMinIndia nsitharaman

उद्योग के इनवर्टेड शुल्क ढांचे में बदलाव की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर लिया है। परिषद ने शुक्रवार को हुई बैठक में एक जनवरी, 2021 से नया शुल्क ढांचा लागू करने की बात कही है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जूते-चप्पल और कपड़ों पर जीएसटी की नई दर लागू करने पर सहमति बनी है। जनवरी से नया इनवर्टेड शुल्क ढांचा लागू होने के बाद इसकी मौजूदा दरों में बदलाव किया जाएगा। कपड़ा और जूता उद्योग के कारोबारी लंबे समय से ढांचे में बदलाव की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जूता बनाने के कच्चे माल पर 12 फीसदी जीएसटी है, जबकि तैयार उत्पादों पर जीएसटी दर पांच फीसदी है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कच्चे माल पर चुकाए शुल्क को वापस किया जाना चाहिए। हालांकि, परिषद ने नई दरों का...

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

FinMinIndia nsitharaman अब भारत देश की जनता बिना कपड़ों के रहेगी। जैसा पहले होता था। देश में और गुलामी और बढ़ रही है। अब वो दिन दूर नहीं। सरकार गरीबी नहीं गरीब खत्म करने के लिए तत्पर है। अब सिर्फ पूंजी पतियों का राज होगा। जैसा पहले था। डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने छुआ छूत खत्म किया था। अब पहले जैसा होगा।

FinMinIndia nsitharaman कभी तो कुछ सस्ता करने की बात भी कर लिया कीजिए वित्त मंत्री महोदया ।

FinMinIndia nsitharaman जो महँगाई पर ख़ुद के प्याज़ न खाए जाने की दलील देती हो उनसे उम्मीद ही क्या की जा सकती पिछले दिवंगत मंत्री जी भी जो धनाढ़्य लोगों की वकालत किया करते उन्हें भी नहीं था तजुर्बा की देश के ८० हज़ार करोड़ ग़रीबों का जीवन कैसे चल रहा होगा वर्तमान सरकार पूँजीपतियों की ग़ुलामी कर चल रही

FinMinIndia nsitharaman Matlab wapis se आदिमानव की वेश भूषा में आ जाएंगे हम लोग,

FinMinIndia nsitharaman लोगो की किडनी भी निकाल लो ना ताई, पता नही किस अनपढ़ गंवार को फाइनेंस मिनिस्टर बना रखा है मोदी ने।

FinMinIndia nsitharaman

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 12. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

ऑस्ट्रेलियाई युवा ने 100 से अधिक लोगों से क्रिप्टोकरेंसी में किया 660 करोड़ का घोटाला!24 साल के किन ने अदालत में खुलासा किया कि वह कॉलेज के दिनों में जल्दी और आसानी से पैसा बनाने के इरादे से क्रिप्टो-स्पेस में आया था। जन्मदिन मुबारक हो मोदी जी सुशासन कहां है 👉शेड्यूल कास्ट की फाइनेंशियल अधिकारों की हत्या, आरक्षण ,लक्ष्य की खानापूर्ति के लिए Equifax Report NUMBER (ERN) 201371405 कमेंट SUIT_ FIELD _WILFUl_DEFAULT_WRITTN_OFF_SATLD दिखाया गया दस हजार चुकता ऋण पर बैंकिंग लोकपाल जयपुर शर्म करो
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

महामारी जनित कारणों से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में आई तेजी की वजह से जगी उम्मीदबेहतर कीमत निर्धारण शक्ति और बढ़ती मांग के कारण कारपोरेट क्षेत्र की आय में सुधार होना शुरू हो गया है। बाजार में कमाई बढ़ने के संकेत भी नजर आ रहे हैं। ऐसे में निवेशक लंबी अवधि के लिए व्यवस्थित तरीके से इक्विटी में निवेश जारी रखा जा सकता है। Grt thing.. congratulations India.
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

अपनी सैलरी से निजी जरूरतें पूरी करते हैं मोदी, PMO से नहीं लेते एक रुपयाप्रधानमंत्री मोदी 71 साल के हो गए हैं। प्रधानमंत्री होने के बावजूद वह अपने निजी खर्च खुद की सैलरी से ही करते हैं। हालांकि किसी प्रधानमंत्री को कुछ खर्च के लिए पीएमओ से फंड भी दिया जाता है। लेकिन पीएम मोदी इस फंड से एक रुपया नहीं लेते।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

कोरोना से बचाव के लिए हुआ नया अध्ययन- गंभीर संक्रमण से बचा सकता है विटामिन-डीकोरोना के गंभीर संक्रमण से बचा सकता है विटामिन- डी। कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसमें कोरोना के गंभीर संक्रमण की रोकथाम में विटामिन डी की भूमिका पाई गई है। शिक्षक_ट्रांसफर_पोर्टल_चालू_करो CMMadhyaPradesh वर्षों से हमारा ट्रांसफर नहीं होने के पीछे कारण सिर्फ इतना है कि हमारी कोई राजनीतिक पहचान नहींहै हमें कहां पता था कि ट्रांसफर करवाने के लिए भी मंत्री जी से पहचान होना जरुरी होताहै (मध्यप्रदेश की भेदभाव पूर्ण शिक्षक ट्रांसफर नीति)
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

Dietary Tips: एक्सपर्ट्स से जानें क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे बुज़ुर्गों की कैसी होनी चाहिए डाइट?Dietary Tips सही डाइट क्या होगी यह आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। 60 साल के पुरुष की डाइट्री ज़रूरत एक 60 साल की महिला से बिल्कुल अलग होगी। इसमें और भी बदलाव आ जाते हैं जब आप कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हों।
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

कोरोना से बच्चों पर असर की ग्राउंड रिपोर्ट: स्मार्टफोन न होने से गांव का हर तीसरा बच्चा पढ़ाई से महरूम, शहरी बच्चों में मेंटल हेल्थ बड़ी समस्याकोविड के चलते पिछले 18 महीनों में स्कूली बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। शहरी इलाकों में तो कुछ हद तक डिजिटल लर्निंग की सुविधाएं ज्यादा रहीं, लेकिन गांवों में खास करके सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सिर्फ कागजों पर ही 2 क्लास आगे बढ़े हैं, असल में वे कुछ भी नया नहीं सीख पाए हैं। डिजिटल डिवाइड की इस हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर शहरी और ग्रामीण इलाकों में ग्राउंड जीरो पर पहुंचा।... | Uttar Pradesh School Reopening Ground Report ऑनलाइन क्लास के लिए रोजाना लिंक भेजे जाते हैं जिन पर सवेर रोजाना क्लास कर रहे हैं। हर तरह की सुख सुविधाओं से लैस हैं, कंप्यूटर, मोबाइल, आइपैड, फास्ट स्पीड इंटरनेट। सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द बच्चों के स्कूल खोली जाए खासकर के गांव में बच्चों की सही तरह से पढ़ाई तो,,,,सत्र 2022 से ही शुरू होगी,,, और वो भी तब होगी जब ऑफ लाइन,, क्लास सारे बच्चों के साथ शुरू होगी कोरोना काल में हर परिवार का भविष्य दांव पर लगा हुआ था,,, तो छोटे छोटे बच्चो का मन पढ़ाई में कैसे लगता इसमे नया क्या है गरीब बेसहारा की चिंता क्यों होगी सरकार को जिनसे पैसा मिलना रिश्वत मिलनी है जैसे बड़े स्कूल माफिया शिक्षा वाले ap के ठेकेदार इनकी मिलीभगत से ये कमाल होगा पहले डोनेशन स्कूल फीस admson के पैसे लगतेथे अब ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर माफिया सक्रिय गररेब की सुनवाई नही होगी
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »