हर साल की तरह साहित्य आज तक इस बार भी दर्शकों के चहेते दिग्गजों के साथ वापस आ गया है. हालांकि देश भर में लॉकडाउन है तो इस बार सब कुछ डिजिटल है. ई-साहित्य आज तक के तीन दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन के आखिरी सेशन में जावेद अख्तर ने तमाम समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार रखे. जावेद अख्तर ने बताया लॉकडाउन के माहौल से लेकर अपने करियर की शुरुआत तक तमाम मुद्दों पर बातचीत की.
जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि कौन सी चीज है जो उन्हें बर्दाश्त ही नहीं होती है तो जवाब में जावेद ने कहा,"मुझे तो सिर्फ एक कमजोरी है कि आदमी छोटी बात न करे तो अच्छी बात है. बस घटिया बात न करे. अगर कोई बुरा काम भी कर रहे हैं तो उसमें भी अपना दिल विशाल रखिए." जावेद ने कहा कि बिलो द बेल्ट मारने वाली बात अच्छी नहीं होती है. जहां तक मार्कंडेय साहब की बात है तो उन्हें एक कवि के तौर पर पूरा अधिकार है कि वो मुझे नापसंद करें.
"इसमें कोई जबरदस्ती नहीं है कि वो मेरी तारीफ करें. उन्हें पूरा हक है." जावेद ने कहा कि जिसके खिलाफ कोई भी न बोलता हो उस आदमी में कोई गड़बड़ है. जावेद ने कहा,"क्योंकि अगर आप उसूल की बात करेंगे और अगर आप सच्ची बात करेंगे. अगर आप कहेंगे कि ये मेरे आदर्श हैं और ये मेरे संस्कार हैं तो दुनिया में कुछ लोग तो होंगे जो आपके खिलाफ बोलेंगे. अगर दुनिया में कोई भी आपके खिलाफ नहीं है तो इसका मतलब आप कोई ऐसी बात ही नहीं कहते हैं जो पक्की है.
अब कोन बाकी रह गया बोलने वाला
Yahan log apni bolne ki ajadi ka durpyog karte ye agar China Pakistan ya koria me bol ke dekhte agle din Ulta bolne wale ka pata hi nahi chalta
Javedakhtarjadu बडे मियाँ सलाम । ईद की बधाई हो आपको । कुछ लोग आपको Troll भी करतें हैं । नाराज भी तो अपने ही ... आप बडे हो, बच्चों को सीख देते रहें । कल जब ये समझदार होंगे तब इनके ही काम आऐगी । आपके मुरीद करोड़ों में हैं कयोंकि आप करोड़ों दिलों में रहते हैं । आपका ही...
बिल्कुल सही कहा आपने, कांग्रेस मुसलमानों के खिलाफ नहीं बोलती है इसलिए मुझे कांग्रेस में गड़बड़ लगती है
avoid him he is not made up of human material but of garbage in his mind as he think what ever he says is correct and people must respect it .
How can u say that about Mo'mad, u apostate, and your wife naachney-gaani waali tawaayaf as per Islamic Nobel laureate Imam Bukhaari?
Ghor Kaliyug... Nachaniya - bajaniya ko itni gambhirta se liya jata hai.
तुम खुद एक गड़बड़ ही हो
बनता है नास्तिक, फतवे का समर्थन करता है । डुप्लीकेट है ।
तो फिर दूसरे बुरहान वानी बन जाओ, रोका किसने है।
Yahi soch hai ki Hindu-Muslim karni hai?
Nakli Nastik hey ye,
Muhammad of course
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