छत्रपति शिवाजी की जन्मतिथि को लेकर विवाद क्यों है?

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शिवाजी कब पैदा हुए थे, क्या किसी को सही सही पता है?

बीते कुछ दशकों से महाराष्ट्र में शिवाजी की जन्मतिथि को लेकर विवाद जारी है.

स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और विद्वान राजवाड़े ने सबसे पहले शिवाजी की जन्मतिथि पता लगाने की कोशिश की थी.उन्होंने साल 1990 की 14 अप्रैल को अपनी पत्रिका 'केसरी' में छपे अपने लेख में इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी है. 2 - सभासद बखर शिवाजी की मौत के लगभग 15 साल बाद लिखी गई थी. लेकिन इस बखर में भी शिवाजी की जन्मतिथि का कोई ज़िक्र नहीं है. इस बखर में सिर्फ एक जगह ये बताया गया है कि शिवाजी महाराज जब अपनी माँ जीजाबाई के साथ शहाजी महाराज से मिलने बंगलुरु गए थे तब उनकी उम्र 12 साल थी.

6 - बड़ौदा में छपी शिवा-दिग्विजय किताब में लिखा है कि शिवाजी की जन्मतिथि 1549 शक संवत, वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितिया है जो गुरुवार का दिन था और उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जैसा कि ऊपर लिखा है कि ये विरोधाभासी बयान हैं. ये दस्तावेज शिवाजी महाराज की मौत के 17 साल बाद तक की घटनाओं का वर्णन करता है. और ऐसा लगता है कि दस्तावेज़ रचने वाले व्यक्ति को प्रमाणित दस्तावेज़ों से जानकारी मिली थी.1 - जेधे शकावली औरंगजेब की जन्मतिथि शके 1540, कार्तिक महीने की पहली तिथि बताती है. इतिहासकार जदुनाथ सरकार के मुताबिक़, ये तारीख़ बिलकुल सही है.3 - श्रीरंगपुरपर शिवाजी महाराज के कब्जा करने की तारीख़ भी सही है.5 - जय सिंह के साथ संधि की तिथि भी सही पाई गई.

3 - फोर्ब्स कलेक्शन - गुजराती दस्तावेजों के संपादक एके फोर्ब्स भी शिवाजी की जन्मवर्ष शके 1551 देते हैं.5 - दास - पंचायतन शकावली - ये शकावली भी शिवाजी की जन्मवर्ष शके 1551 देता है.7 - स्प्रेंजेल हिस्ट्री - सन 1791 में प्रकाशित इस जर्मन किताब में बताया गया है कि शिवाजी का जन्म सन 1629 में पैदा हुआ था.8 - तंजौर में मिला शिलालेख - सन 1803 में पत्थर पर अंकित सूचनाओं के मुताबिक़, शिवाजी का जन्म शके 1551 में हुआ था लेकिन इसमें संवत्सर ग़लत लिखा हुआ है.

एजी पवार समिति की पहली बैठक में शामिल नहीं हो सके. इसके बाद पोतदार, खरे, बेंद्रे, पुरंदरे, और दीक्षित इस बात पर सहमत हुए कि शिवाजी की जन्मतिथि फागुन वद्य तृतीया शके 1551 है.सभी सदस्यों ने समिति के समक्ष अपने बयान प्रस्तुत किए और फाटक के बयान का खंडन करने वाले अपने बयान भी प्रस्तुत किए. उन्होंने कई दस्तावेज़ों पर बात की है. इनमें इकानवे कलमी बखर, चिटनिस बखर, पंतप्रतिनिधि बखर, सातारा के छत्रपति की वंशावली, शिवदिग्विजय बखर, नागपुर के भोंसले की बखर, शेडगांवकर बखर, प्रभानवल्ली शकावली, धडफले लिस्ट, न्या. पंडितराव बखर, शिवाजीप्रताप बखर, जेधे शकावली, राज्यभिषेक शकावली, फोर्ब्स शकावली, शिवभारत, तंजावर शिलालेख, घोडेगावकर शकावली और चित्रे शकावली शामिल है.मेहेंदले ने इस अपेंडिक्स के अंत में साल 1996 के बाद की घटनाओं का ज़िक्र किया है.

 

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छत्रपती शिवाजी नही, छत्रपती शिवाजी महाराज कहीये🙏🙏

डिअर इस लेख के हिसाब से तो बल गंगाधर तिलक जी टाइम ट्रेवलर थे

शिवाजी महापुरुष थे उनकी जाति और जनजाति पर घर ढूंढने वाले उन पर अपना कब्जा बताने वाले मूर्खों को संदेश है कुछ तो उनके जैसे बनकर दिखाओ

Citizenship prove kar rahe honge shayad.

विवादों की जननी है भारतीय राजनीति।

बर्थ सेर्टिफिट देख लो NPR CAA

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