की सरकार वायुसेना की मजबूती के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है. हालांकि सरकार रक्षा के क्षेत्र में भी भरसक कोशिश कर रही है कि इसमें 'मेक इन इंडिया' का खास ख्याल रखा जाए. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने स्वदेशी निर्मितसिस्टम की छह स्क्वाड्रन को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. इसके लिए सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये देने के फैसले पर मुहर लगा दी है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक आकाश मिसाइल की स्क्वाड्रन को पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर इलाके में तैनात किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने हाल ही में वायुसेना के लिए इस परियोजना को सहमति प्रदान की थी. रक्षा मंत्रालय ने सरकार के इस निर्णय की जानकारी वायुसेना को गुरुवार को दी. सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए तीन साल पहले प्रस्ताव दिया गया था. इस मंजूरी के साथ ही वायुसेना के पास आकाश मिसाइल सिस्टम की संख्या 15 हो जाएगी.
पिछले साल इजराइल के साथ सूर्य लंका युद्धाभ्यास के दौरान आकाश डिफेंस सिस्टम को बेहतर प्रदर्शन वाला सिस्टम बताया गया था. 27 फरवरी को बालाकोट स्ट्राइक के मद्देनजर भी इस मिसाइल तकनीक की जरूरत महसूस की गई थी. इसके बाद इस प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी गई.25 किलोमीटर तक प्रहार करने और 60 किलोग्राम आयुध लेकर जाने की क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक किया गया.
यह मिसाइल 2.8 से 3.5 मैक की सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकती है और करीब 25 किलोमीटर तक की दूरी के हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है. वायु सेना में औपचारिक रूप से जुलाई 2015 में इस मिसाइल को शामिल किया गया था. अमेरिकी एमआईएम-104 पैट्रियट मिसाइल की तुलना में आकाश में लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह पर प्रहार करने वाली मिसाइलों को भेदकर गिराने की क्षमता है.
मिसाइल बनाने वाली बेंगलुरु की कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को इसको बनाने के एवज में 95 फीसदी भुगतान किया जा चुका है. भारतीय वायुसेना ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है. हालांकि बताया जा रहा है कि अब आकाश मिसाइल की खामियों को दूर कर लिया गया है.
Diye hai ki liye hai
Munken.hai. Jai.bhart...
Log bhooke sote h Chle h Jung krne 🤣🤣🤣?
Jai Hind.
Jai Hind jai Bharat 🙏Karwaanmission
पाकिस्तान की बंधी घिग्घी चीन भी भौंचक!अरे सन१९६२ नेहरू का भारत अब नहीं रहा!ईंट का ज्वाला पत्थर से मिलेगा अब! !
apni capicity ham logon ko kewal war me hi dikhani chahiye..aise nahi. Jawab to pak ko war me hi dena chahiye..ki hamre pas kya hai..?
Jai hind
25 किलोमीटर में आने वाला हर जहाज, मिसाइल खत्म हो जाएगा।
लेकिन लिब्रांड कोंग्रेसियो के अनुसार तो देश मे मंदी है तो ये पैसा युगांडा की सरकार दे रही है क्या..
my foot
जय हिंदी
नींबू मिर्ची लगाना....
एक-एक चीज गिना दो हमारे पास क्या-क्या है | क्या हथियार भारत बना रहा है | इसकी जानकारी मीडिया को दुश्मन राष्ट्रों को देनी ही चाहिए क्योंकि युद्घ के समय उनको पता होना चाहिए कि हमारे पास क्या है ताकि वह हमारा मुकाबला कर सके |
मीडिया तो लड़ाई करवाके मानेगी |
Ye missiles imraan ke pichwade me ghusenge😆
Mereko iska 10% do , inki abhi maa behen karta hu
चीन पेल दो बाकी सब समझ लिया जाएगा.....
Bhai Akash vaderakash is 5000 crore se 1% mujhe loan de de bas 😭😭😭😭🙏
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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