चीन इस समय काफी तेजी से अपनी नौसेना के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। चीन की 62 में से सात पनडुब्बियां परमाणु शक्ति से चलती हैं। ऐसे में पारंपरिक ईंधन के रूप में भी उसे अब ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ रहा है। चीन पहले से ही जहाज निर्माण की कला में पारंगत था। साल 2015 में चीनी नौसेना ने अपनी ताकत को अमेरिकी नौसेना के बराबर करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया था। पीएलए को विश्व-स्तरीय फाइटिंग फोर्स में बदलने के काम आज भी उसी तेजी से जारी है। जिनपिंग ने 2015 में शिपयार्ड और...
बदल नहीं पाएगी। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि चीन अगर ताइवान पर एक बार कब्जा कर लेगा तो वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा।एक तरफ जहां चीन साल 2025 तक अपनी नौसेना में कुल 400 बैटल फोर्स शिप को शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है, वहीं अमेरिकी नौसेना इसे लेकर कोई खास सक्रिय नहीं दिख रही है। अमेरिकी नौसेना के लिए शिपबिल्डिंग का काम देखने वाली एजेंसियों ने भविष्य के लिए 355 बैटल फोर्स शिप के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है, हालांकि इसे पूरा करने के लिए उन्होंने कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं...
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