कंपनियों के जरिए ड्रैगन जैसे देशों की बाजार में टक्कर देगा। इसके लिए 'नवरत्न' कंपनियों को आगे लाया जाएगा। ये कंपनियां, मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम को एक नई पहचान देकर चीन को चुनौती देंगी। देश में 2014 से लेकर अब तक 14 नवरत्न कंपनियों में से अधिकांश का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।
वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले संसद सत्र में प्रश्नकाल के दौरान जानकारी देते हुए कहा था कि इन सार्वजनिक उपक्रमों में गैर निष्पादनकारी परिसंपत्तियां न बढ़ जाएं, इसलिए ये सीपीएसई संबंधी मंत्रालयों/विभागों के नियंत्रण के अधीन कार्य करते हैं। इनके ऋण की वापसी अदायगी पर लगातार नजर रखी जाती है। मामला दर मामला हानि उठा रहे सीपीएसई के पुनरुद्धार/भारत सरकार के स्वामित्व वाली उपकरण निर्माता कंपनियां, जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स , कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनेमिक्स और हिंदुस्तान...
ऐसे उपक्रमों में भुगतान और कार्यशील पूंजी जैसी कोई समस्या नहीं आती। बीईएल की ऑर्डर बुक 52,000 करोड़ रुपये की बताई गई है। इस साल बीईएल को आकाश मिसाइल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम , कोस्टल सर्विलांस सिस्टम और सॉफ्टवेयर-डिफाइंड रेडियो का अपग्रेडेशन करना, आदि बड़े प्रोजेक्ट मिले हैं। अगले दो साल में इस कंपनी को हल्के लड़ाके विमान का टेंडर हासिल हो सकता है।भारतीय वायुसेना की तरफ से इस कंपनी को कई बड़े प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद है। अभी कोचीन शिपयार्ड के पास अपग्रेड मिसाइल पोत, निगरानी पोत व...
इस मिसाइल की दूसरी खासियत यह है कि इसे किसी भी तरह के मौसम में छोड़ा जा सकता है। डिफेंस एक्विजिशन कमेटी ने पिनाक मिसाइल खरीदने को भी मंजूरी दी है। यह मिसाइल जमीन से जमीन पर एक हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है।भारत सरकार के स्वामित्व वाली उपकरण निर्माता कंपनियां, जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स , कोचीन शिपयार्ड, भारत डायनेमिक्स और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को जल्द ही नए ऑर्डर मिलने जा रहे हैं...
सरकार ने इनका विकल्प तलाशते हुए सार्वजनिक क्षेत्र एवं दूसरी घरेलू कंपनियों को मौका दिया है। बीईएल और कोचीन शिपयार्ड जैसी बड़ी कंपनियां अब मजबूत स्थिति में आती हुई दिखाई पड़ रही हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को भी सरकार की ओर से कई बड़े प्रोजेक्ट मिल रहे हैं।
हमको मेक इन इंडिया का लोलीपॉप और सरकार अधिकतर चीजे विदेशों से आयात कर रही है और अपनी चीजों को खुद विदेशियों को बेच रही है या हिस्सेदारी बेच रही है कब तक मूर्ख बनाओगे जनता को?
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