चीन से 1962 की जंग में भारत का साथ देने अमरीका न आता तब क्या होता

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ALERT- चीन से 1962 की जंग में भारत का साथ देने अमरीका न आता तब क्या होता

1962 के चीनी हमले में चीनी सेना संख्या में भारतीय सेना से न सिर्फ़ दोगुनी थी बल्कि उनके पास बेहतर हथियार थे और वो लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार थे.

दूसरी बात सैनिकों को अभी उन्हें चलाने का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया था. से ला के बाद चीनी बोमडिला शहर की तरफ़ बढ़ आए थे. कुल मिला कर भारत का 32000 वर्ग मील इलाका चीन के नियंत्रण में आ गया था. लेकिन अमरीकी विदेश मंत्रालय के अभिलेखागार ने इन पत्रों के अस्तित्व को तो स्वीकार किया लेकिन इनमें लिखा क्या था, इसको गुप्त रखा.

इसमें लिखा था, ''मुझे गुप्त रूप से पता चला है कि नेहरू आपको एक और पत्र भेजने वाले हैं. इसके बारे में उनके मंत्रियों तक को नहीं बताया गया है.'' नेहरू ने कैनेडी को आश्वस्त किया कि इन हथियारों को इस्तेमाल सिर्फ़ चीन के ख़िलाफ़ होगा और इन्हें पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कभी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. राजदूत बीके नेहरू भी नेहरू के पत्र से हुए शर्मिंदा

भारतीयों ने अमरीकी नौसेना की किसी भी तरह की मदद नहीं माँगी थी लेकिन गालब्रेथ ने सोचा कि बंगाल की खाड़ी में सातवें बेड़े की उपस्थिति से चीन को साफ़ संदेश जाएगा कि अमरीका भारत के साथ इस संकट में खड़ा हुआ है.

 

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अमेरिका और अमेरिका के माननीय राष्ट्रपति महोदय हर दिन हर वक्त हर समय हर पल भारत का साथ दिया भारत का दोस्त है भारत के लिए जान भी देने के लिए तैयार है भारत भी उनके लिए जान देने के लिए तैयार है

उसी समय नेहरू ऑर कोंग्रेस का सफाया हो जाता ।

कर भी क्या सकते है हम

अमेरिका भी किसी का सगा नहीं है।

सही कहा, उस समय अंगरेजो के पालन पोषण में चल रही कान्गरेससरकार जो थी, बिन हथियार की सेना थी नेहरू श्रीमती माऊन्ट बैटैन के साथ गुलछरै उडा रहे थे और कबूतर उडा रहे थे, गन फैक्ट्रियों मे बच्चो के खिलौने बनवा रहे थे, चीन ने आक्रमण करके देश के हिस्से छीन लिये।

बीबीसी वालों, जैसे बीबीसी UK का है, और UK अमेरिका का टट्टू, जो अमेरिका कहता है वैसे ही करता है. लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि भारत को कमजोर मानके कुछ भी रिपोर्ट करते रहोगे। भारतीय सेना की ताकत कितनी बार देख चुके हो. और हाँ, 1962 में अमेरिका केवल बोला था, सेना भेजी नहीं थी.

😐

Aaj bharat bhi tibet ki tarah hota..

Watch this 👉

Aur Israel ka saath America na deta to kya hota jab Israel aur Saudi Arabia me Jung hui thi

अमरीका या रूस

अगर डायनासोर आज जीवित होते तो क्या होता?

MODIJI BISHOW BHAR ( GHAR GHAR ) MADAD KI PUKAR KAR RAHEY HAIN? SUPER POWER?

4200Gujarat

Agar America nhi aata to nehru ji aksai chin ke saath saath pura Ladakh aur kashmir bhi chiniyon ko gift kr dete.

इस तरह के प्रश्नों का कोई औचित्य नहीं है । कि ये न होता तो क्या होता ? वो न होता तो क्या होता? ऐसे ही हर औरत अपने पति से कहती है मैं न होती तो तुम्हारा क्या होता? ऐसे भी कभी हुआ है कि किसी की किसी के बग़ैर शादी न हुई हो ।

Even today Is also ready..,? But those day the power n regime was not in hand of Chicken hearted, But today..😹

Too aaj BBC ka namo nisan nhi rhta india me 😂😂😂👍

अगर भारत अंग्रेजों को मार कर ब्रिटेन पर अपना शासन करता तो क्या होता? अगर ऐसा होता तो क्या होता का कोई जवाब नहीं होता।

मुझे ये पढ़ के दुःख साथ ही गुस्सा आ रहा है कि नेहरू जी किस दुनिया में जी रहे थे आज भी चाइना पीछे हटा है क्यूँ हमे नहीं पता ये वहीं जुलाई का महीना है जैसे 1962 मे था हम फिर तो वही गलती करने नहीं जा रहे नहीं मालूम लेकिन चीन शांत नहीं रहेगा हमने साँप को बिना मारे जाने दिया है सावधान

Tab BBC ko dalali karne me aur maza aata. Anti-India BBC

सच तो यही है....की भारत की तैयारी कभी पूरी नहीं रहती....अंत समय तक भाग दौड़ करना और गिड़गिड़ाना आदत बन गई है यहां पूरी कमाई भोजनालय और शौचालय में ही घुस जाती है....सैन्य विकास कैसे हो?

नेहरू की कच्छा उतारकर ले लेते चीनी

Sub b lode jung hogi ya nhi ye me nhi janta pr tere lode lagne wale he bhot jaldi likh kr le lena

BBC agar sahi news net work hota, alag se repoter ne al Jazeera's channel na bna hota

लड़ा था ? नेहरू बेचे थे तभी तो लड़ने नही दिए अपने पाप को छुपाने सेना की बलि दे दी होगी ?

वही होता जो मंजुरे खुदा होता

अमेरिका चीन से चिढ़ा हुआ है आजकल तो भारत को इससे फ़ायदा मिल गया है..

अगर नेहरू हिंदी चीनी भाई भाई नहीं कहते तो चीन की 1962 करने की औकात नहीं होती

इजरायल जो अपना हथियार फ्री में दे रहा था, अगर नेहरू ले लेते तब क्या होता

Yes

हां, पता है.. भारत की वह अवस्था जिनके कारण हुई उन्हे देश नही भूला है।

फिर यह क्या है? पहले तय कर लो की एजेंडा कौन सा चलाना है

हमने आज भी वही किया, अमेरिका ट्रम्प की दखलअंदाजी करवाई, नाटो से सपोर्ट करने के लिए बोला, जब कि अभी लड़ाई शुरू भी नही हुई थी।

उस समय जो भी हुआ वो बहरूपिये शासक की वजह से हुआ जो केवल वासनाओं को महत्व देता था देश की उसे कोई चिंता न थी।

तो तुम्हारी डांग फट जाती।

अभी कल तक तुम लोग कह रहे थे, अमेरिका किसी का साथ नहीं देता.. ? आज अचानक क्या हो गया. US नेवी देख लि होगी अब चाइना सी में

मानना पड़ेगा आप लोग जोक हो जोक दूसरो को खून पी कर ही जिंदा रह सकते हो

अमरीका से विश्व का लोकतंत्र जिंदा है। अमरीका का जवाब नहीं है। अब आगे क्या होगा ?

तो bbc चीन की तरफ़ से लडने पहुंच जाता

Beware: BBC is a Muslim Channel now, with head office in London , which has become Londonistan ,taken over by MuslimRefugees , it's news is always AntiHindu Most of it's staff obviously support IslamTerrorism & Shariah QuaranVirus is more deadly than Coronavirus.

दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी युद्धाभ्यास भी इसी कड़ी में हो रहा , और वर्तमान भारत चीन तनाव का पूरा विश्लेष्ण बीबीसी न्यूज़ २५ -३० वर्षों बाद पब्लिश करेगा , जय हिन्द .

Ye BBC wali sach me cancer hai

साथ देकर भी क्या हुआ? अकसाई चीन का नाम देकर कश्मीर के हिस्से पर आज भी कब्जा किया हुआ है, और तिब्बत के लोग आज भी गुलामी की जंजीरों में कैद है।

IAF use hoti tb kya hota ye socha Sardar patel ji ya Lal bhadhur jaise leader lead krte tb kuch or hota.

इसमें Alert इशू करने की क्या बात है ? 😂

Probably Soviet Union would help China from other side

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