चीन का खतरनाक भूमि सीमा कानून, LAC पर तेज हुई भारत की निगरानी

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चीन का खतरनाक भूमि सीमा कानून, LAC पर तेज हुई भारत की निगरानी IndiaChinaTension

चीन ने लैंड बार्डर्स ला यानी जमीनी सीमा कानून बनाते हुए पड़ोसी देशों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भारत के संदर्भ में वह भले ही यह कहता आया है कि भारत और चीन के बीच सीमा की पहचान कभी की ही नहीं गई। लेकिन भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि कुछ इलाकों के लिए भले ही यह बात सही हो, लेकिन पूरी सीमा के लिए ऐसा नहीं है। दोनों देशों के बीच हमेशा ऐतिहासिक आधार की पारंपरिक सीमा रही है। चीन की नेशनल कांग्रेस की स्थायी समिति द्वारा दी गई इस कानून की मंजूरी के बाद भारत से उसका विवाद बढ़ सकता है।...

इस कानून के अनुसार चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की ऐसी पवित्रता होगी जिसमें किसी तरह का फेरबदल नहीं हो सकेगा अर्थात जिस जमीन पर चीन का आधिपत्य है, वह जमीन चीन की मानी जाएगी। यदि इससे पीछे हटा जाता है तो यह माना जाएगा कि लैंड बार्डर्स ला का उल्लंघन किया जा रहा है। अब यदि ऐसा होता है तो भारत-चीन सीमा विवाद हल नहीं हो सकेंगे। जब चीन भारत की सीमा में आगे बढ़ेगा तो भारत इसका विरोध करेगा और भारत के विरोध पर जब चीन वापस लौटेगा तो उसकी सेना को ऐसा लगेगा कि वे अपने लैंड बार्डर्स ला का उल्लंघन कर...

भारत ने अरुणाचल के पास पहाड़ी इलाकों में इजराइल निर्मित हेरान ड्रोन तैनात कर रखे हैं। ये ड्रोन विमान सीमाई इलाकों के महत्वपूर्ण चित्र एवं आंकड़े नियंत्रण कक्ष को भेज रहे हैं। इन इलाकों में उन्नत हेलीकाप्टर रुद्र की तैनाती कर दी है। अब निगरानी को ‘सेंसर टू शूटर’ योजना के तहत और बढ़ाया गया है ताकि किसी भी संभावित अभियान के लिए सैन्य बल की त्वरित तैनाती की जा सके। एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर रुद्र अमेरिका से लाए गए अपाचे हेलीकाप्टर से भी बेहतर है। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर में रुद्र का पलड़ा अपाचे से...

अरुणाचल प्रदेश सीमा के नजदीक पहाड़ों पर अत्याधुनिक एल-70 विमानभेदी तोपों को तैनात कर दिया गया है। आधुनिक किस्म की एल-70 विमानभेदी तोपें अपना लक्ष्य खोजकर उस पर गोला दागती हैं। सभी तरह के मौसम में मार करने में सक्षम ये तोपें इलेक्ट्रो-आप्टिकल सेंसर से सुसज्जित हैं। ये तोपें थर्मल इमेजिंग कैमरे से भी लैस हैं। इसके साथ ही इन तोपों को वैलोसिटी राडार से लैस किया गया है ताकि ये दूर से अपने लक्ष्य को देख सकें। इनकी मारक क्षमता 35 किलोमीटर तक है। इन इलाकों में एम-777 होवित्जर तोपों को भी तैनात किया गया...

लद्दाख क्षेत्र में पिछले वर्ष एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपें तैनात की गई थीं जिनकी भूमिका ठीक रही थी। इन्हें भारत की फायर शक्ति की रीढ़ माना जाता है। पूर्वी लद्दाख के सीमाई क्षेत्र में के-9 वज्र तोपों की तैनाती कर दी गई है। यह तोप पहाड़ों पर अत्यंत ऊंचाई पर लंबी दूरी तक मार करते हुए शत्रु के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है। इन तोपों की पांच रेजीमेंट यानी 100 तोपें मौजूद हैं। यह एक स्वचालित तोप है। इसकी मारक क्षमता 38 किमी है। यह तोप चारों तरफ हमला करती है। यह 47 किलोग्राम का गोला फेकने की...

 

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