ग्रामीण इलाकों में सबसे निचले स्तर पर गिरी मजदूरी, सितंबर में माइनस 3.8% रही ग्रोथ

  • 📰 Jansatta
  • ⏱ Reading Time:
  • 31 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 16%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

ग्रामीण इलाकों में सबसे निचले स्तर पर गिरी मजदूरी, सितंबर में माइनस 3.8% रही ग्रोथ, 25 पेशे में पुरुषों को औसतन 331 रुपये ही वेतन!

, 25 पेशे में पुरुषों को औसतन 331 रुपये ही वेतन! Harish Damodaran नई दिल्ली | Updated: December 12, 2019 8:24 AM इस तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। सितंबर में वास्तविक ग्रामीण मजदूरी वृद्धि माइनस 3.8% तक गिर गई है। यह भारत में गहरी संरचनात्मक मंदी की पुष्टि करती है, इसका सबूत एफ़एमसीजी और दोपहिया वाहनों की बिक्री में आई सुस्ती है।

संबंधित खबरें सीधे शब्दों में कहें, तो ग्रामीण मजदूरों ने हाल के महीनों में जो भी थोड़ा वृद्धि हासिल की वह महंगाई खा गई। ये यह बताता है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री को ग्रामीण मांग का बैरोमीटर क्यों माना जाता है। बाजार अनुसंधान फर्म नीलसन ने भारत में ग्रामीण एफएमसीजी खपत का अनुमान लगाया है कि जुलाई-सितंबर में सालाना 5% की वृद्धि हुई है, जो पिछले सात वर्षों में सबसे कम है।

पहला ढांचागत है: कम फसल की कीमतें, विशेष रूप से नोटबंदी के बाद से। अर्थव्यवस्था के समग्र रूप से धीमा होने से खेतों में श्रम के साथ-साथ गैर-कृषि रास्ते जैसे निर्माण, विनिर्माण और मिश्रित सेवाओं की मांग कम हो गई है।

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 4. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

CAB पर शिवसेना- कांग्रेस के दबाव में नहीं, जनता के हित में होगा फैसलाबीजेपी को चाहिए कि वह आज राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा दिए गए भाषण की सीडी बनाकर दिल्ली में बांटे ताकि दिल्ली वालों को भी पता चले यह दोगले किस तरह का विचार रखते हैं संजय सिंह ने ओवैसी से भी ज्यादा खतरनाक भाषण दिया शिवसेना कुछ भी बोल ले दबाब तो इतना ज्यादा है कि सास भी अभी सोनिया से पूछ के ले रहा सब शिवसेना वाले. rautsanjay61 ghulami to karni padegi sonia Gandhi ki agar CM k kursi par rehna hai. Tere akar se ghulami mit nahi sakti... OfficeofUT
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पूर्वात्तर भारत में बंद, असम में बवालप्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में पुलिस ने लाठियां चलाईं। लंबी दूरी की कुछ बसें पुलिस
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

पड़ोसी देशों के सताए गए अल्पसंख्यकों के पक्ष में है उचित आधार वाला नागरिकता विधेयकAnalysis : पड़ोसी देशों के सताए गए अल्पसंख्यकों के पक्ष में है उचित आधार वाला नागरिकता विधेयक CitizenshipAmendmentBill AmendmentBill2019 AmitShah Minotities AdvaitaKala AdvaitaKala AdvaitaKala Hum kisi ghuspaitye k Lea samidhan ka ulanghan nahi KR sakte CABAgainstConstitution AdvaitaKala जिन बाहरी हिन्दुओं पर अत्याचार हुए। एक सीमित जनसंख्या जो थी एक समय में वो घटकर न के बराबर रह गई। उन हिन्दुओं को हमारे भारत देश में नागरिकता अवश्य मिलनी चाहिए। और भारत में रह रहे सभी घुसपैठिए नक्सली, नरभक्षी रोहिंग्या मुसलमान, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी आतंकवादी निकले। IAmWithCAB.
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

'कांग्रेस ऐसी पार्टी, केरल में मुस्लिम लीग तो महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ': अमित शाहमोदी सरकार ने 80 के मुकाबले 311 वोटों के साथ इस बिल को पास करवा लिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में विपक्ष पर तीखा वार किया, साथ ही कांग्रेस पार्टी पर तंज भी कसा. ये तंज शिवसेना के लिए भी था ! बिल्कुल सही कहा मोटा भाई दाल शुरु से ही काली थी इनकी AmitShah gawar hai anab shanab bhauk rha tha kl. Galat inzam lga rha tha
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

VIDEO: क्रिकेट खेलने के लिए पसलियों में फ्रैक्चर, लेकिन पाक क्रिकेटर को मॉडलिंग में दिक्कत नहींवीडियो हसन अली के एक फैंस शो में मॉडलिंग (Modeling) करने का है। वे इस वीडियो में रैम्प पर बड़े आराम से चलते हुए देखे जा सकते हैं। उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता है कि उनकी पसलियों में फ्रैक्चर है या पीठ में समस्या रही होगी।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

दिल्ली-NCR की हवा में घुला जहर, कई इलाकों में AQI 400 के करीबदिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता आज भी खराब बनी हुई है. राष्ट्रीय राजधानी के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 के पार दर्ज किया गया, जिसे बेहद खराब श्रेणी माना जाता है. दरअसल ठंड के असर और हवा की रफ्तार कम होने की वजह से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है. और लोग इस बात पर लड़ रहे हैं की इस ज़हर में हिंदू रहेंगे या मुसलमान, लानत है ऐसी राजनीति पर !!! Koi nhi baat nhi h hr saal yehi hota h, jb itni chinta h to hone se phle hi kuch kiya kro na delhi We all are dying slowly. Shame on our political, judicial system and bureaucracy.
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »