गांव में नहीं मिली एंट्री तो खुद को बोट पर किया क्वारनटीन, मछली खाकर कर रहे गुजारा

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गुजरात के मेहसाणा से आए दो दोस्तों ने हालात के साथ समझौता कर लिया

रोजी-रोटी के लिए अपने गांव और शहर को छोड़कर वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर वाराणसी के ग्रामीण इलाके में गंगा किनारे बसे कैथी गांव से भी सामने आई जहां गुजरात से लौटकर आए दो लोगों को परिवार और गांव वालों ने नहीं स्वीकारा. तब दो दोस्तों ने गंगा की गोद में ही नाव पर खुद का बसेरा बनाकर बोट में ही खुद को क्वारनटीन कर लिया.

. लॉकडाउन में फंसे होने के दौरान लाख दुश्वारियों और मुश्किलों को झेलते हुए मेहसाणा से अपने गांव कैथी पहुंचे तो परिवार और गांव वालों ने गांव में एंट्री ही नहीं दी. तब से लगभग ढाई हफ्ते का वक्त बीत जाने के बावजूद पप्पू और कुलदीप निषाद गंगा की लहरों पर ही अपनी पैतृक नाव पर खुद को क्वारनटीन किए हुए हैं.गांव में जरूरत का सामान लेने गए तो घुसने नहीं दिया

इस बारे में कुलदीप बताते हैं कि तमाम कोशिशों के बाद जब मालिक ने भी पैसे नहीं दिए तो अन्य लोगों से मदद मांगकर श्रमिक ट्रेन से गाजीपुर तक आए. वहां थर्मल स्क्रीनिंग और ब्लड चेक कराकर बस से वाराणसी अपने गांव कैथी आ गए. उसके बाद मोहल्ले में बैग रखकर वापस नाव पर आ गए. कुछ दिनों बाद गांव में जरूरत का सामान लेने गए तो गांव वालों ने रोक दिया. तभी से नाव पर ही रह रहे हैं. चूंकि साग-सब्जी नहीं मिल पा रही है तो गंगा में से मछली पकड़कर उसे पकाकर खा रहे हैं.

कुलदीप आगे बताते हैं कि उनके गांव में देश के कोने कोने से श्रमिक लौटे हैं, लेकिन कम ही लोग क्वारनटीन का पालन कर रहे हैं. इस घड़ी में कुलदीप के माता-पिता तक ने उनको घर में घुसने से रोक दिया. तभी से वे नाव पर ही आकर लगभग ढाई हफ्तों से रह रहे हैं. कभी-कभी घर से खाना और पैसा मिल जाता है, लेकिन किसी तरह की सरकारी मदद उन तक नहीं पहुंची.वहीं कुलदीप के साथ ही गांव लौटे पप्पू निषाद तो और ज्यादा मुश्किल में हैं. पहली बार बाहर कमाने तीन माह पहले ही मेहसाणा गए थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही लॉकडाउन लग गया.

 

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dmvaranasi2016 Uppolice SSP Varanasi Kindly shift to this two nos poor labour from boat to Quarantine center , kindly take strict action as per your rules , what should b done Place village kaithee River bank of Ganga on boat two migrant labourers living

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा- सुभाष चंद्र बोस तुम मुझे दान दो मैं तुम्हें लोन दूंगा-........... खाली स्थान भरें ... 🙏🏼

Sabhi log khud ko home quarentine kar le to indian se corona jaldi chala jayega

जो भी सरकार आएगा ,जो बचा हुआ है वह भी चला जाएगा फिर कुछ बचेगा ही नहीं बिहार में और ना लोगों के पास

१ साल पूरा होने पर सिक्किम मुख्यमंत्री जश्न मनाते . सोशल डिस्टन्सिंग गायब . केक खाते हुए मास्क भी उतारा गया

मै भी मेहसाणा मे ही हु, अभी तक मेरे दोस्त चिन्ता नही करो बुरा वक़्त टल जाएगा

KingMakerBhumiharBrahman is baar Bihar maange alag sarkaar AshutoshBiharKa

आत्मनिर्भर भारत है ये।

Mojuda sarkar jimedar he.. Sayad yhi ache din he.. Or yhi vikas he..

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KingMakerBhumiharBrahman

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